बृहस्पति ग्रह
बृहस्पति ग्रह को सुख, सौभाग्य, यश, वैभव, धन और बुद्धि का कारक माना जाता है। इसलिए कुंडली में बृहस्पति की स्थिति अनुकूल होने पर सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
ज्योतिषियों के अनुसार नवग्रहों का हमारे जीवन में शुभ और अशुभ प्रभाव होता है। नवग्रहों की अनुकूल स्थिति हमारे लिए शुभ और सुखद होती है, जबकि प्रतिकूल स्थिति में व्यक्ति को जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। सभी ग्रहों में बृहस्पति को सबसे बड़ा और शुभ ग्रह माना जाता है। बृहस्पति ग्रह को सुख, सौभाग्य, यश, वैभव, धन और बुद्धि का कारक माना जाता है,
इसलिए कुंडली में बृहस्पति ग्रह की स्थिति अनुकूल होने पर सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है। यदि किसी जातक की कुंडली में बृहस्पति की दशा कमजोर है तो शास्त्रों में बताए गए उपायों को अपनाकर उसे मजबूत किया जा सकता है। आइए जानते हैं कुंडली में गुरु ग्रह को मजबूत करने के ज्योतिषीय उपायों के बारे में।
बृहस्पति ग्रह की कमजोर स्थिति के कारक :
पंडित इंद्रमणि घनस्याल के अनुसार, कुंडली में गुरु ग्रह की कमजोर दशा होने से जातक के जीवन में सुख-समृद्धि और धन-संपदा की सदैव कमी रहती है. उसका स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है. व्यापार में भी लगातार आर्थिक नुकसान होता है. गुरु ग्रह की खराबी के कारण जातक का वैवाहिक जीवन भी काफी कष्टदायक गुजरता है. इससे घर में दरिद्रता आती है. शास्त्रों में गुरु ग्रह को मजबूत करने के उपाय बताए गए हैं.
गुरु ग्रह को मजबूत करने के उपाय :
ज्योतिषियों के अनुसार गुरुवार के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने से बृहस्पति ग्रह शांत रहते हैं। इससे दांपत्य जीवन बहुत सुखमय रहता है। बृहस्पति ग्रह को मजबूत करने के लिए गुरुवार का व्रत रखना बहुत शुभ होता है। गुरुवार के दिन हल्दी के पानी से स्नान करना चाहिए। इससे जातक को बृहस्पति देव की कृपा प्राप्त होती है।
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