राहु ग्रह 2022 अगर आपका कमजोर है तो आपको जिंदगी में भुगतने पड़ सकते हैं घातक परिणाम इनसे बचने के लिए करें यह उपाय :

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राहु ग्रह

राहु ग्रह

राहु ग्रह  ज्योतिष शास्त्र में राहु ग्रह को छाया ग्रह कहा जाता है। राहु और केतु दोनों ग्रह वक्री चलते हैं। इनका प्रभाव हमेशा अशुभ नहीं होता है। लेकिन यदि दोनों की स्थिति अशुभ हो तो जातक को घातक परिणाम भुगतने पड़ते हैं। जो भी व्यक्ति राहु के अशुभ प्रभाव में आता है उसे हर तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र में राहु के अशुभ प्रभाव से बचने के सरल उपाय भी बताए गए हैं।

  • राहु के शुभ होने पर मिलने वाला फल
कुंडली में राहु की शुभ स्थिति होने पर जातक राजनेता की सहायता से मान-सम्मान और उच्च पद पर आसीन होता है। कुंडली में राहु के शुभ जगह पर होने से व्यक्ति सभी तरह के भौतिक सुखों का आनंद लेता है।
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  • कुंडली में राहु का अशुभ प्रभाव
कुंडली में राहु का बुरा प्रभाव पड़ने से व्यक्ति के अंदर बुरी आदतें आने लगती है। धर्म के रास्ते को छोड़कर गलत रास्ते पर चलने को विवश हो जाता है। साथ ही मांस-मदिरा का सेवन ज्यादा करने लगता है।
  • राहु ग्रह के शत्रु और मित्र ग्रह

बुध, शुक्र और शनि राहु के मित्र होते हैं जबकि सूर्य और चंद्रमा राहु के शत्रु। मंगल और गुरु का राहु से सम संबंध माना जाता है।
कुंडली में राहु की स्थिति
चौथे, आठवें और बारहवें भाव में स्थित राहु अशुभ होता है।
यदि कुण्डली में सूर्य, चंद्र, मंगल लग्न भाव के स्वामी हों तो राहु से अशुभ फल प्राप्त होते हैं. राहु को इन ग्रहों का शत्रु माना गया है।
यदि कुंडली में शनि, शुक्र और बुध लग्न भाव के स्वामी हों तो राहु शुभ फल देता है। राहु इन ग्रहों का मित्र है।
राहु ग्रह के कारण परेशानी
पेट से संबंधित रोग जैसे गैस की समस्या, बाल झड़ना, लगातार सिर दर्द आदि। यहां तक कि कोई बड़ी बीमारी भी हो सकती है।
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राहु ग्रह के उपाय
रविवार के दिन भैरव मंदिर में तेल का दीपक जलाएं। बजरंग बाण या हनुमान चालीसा का नित्य पाठ करें। इसके साथ ही हर सोमवार को शिवलिंग पर जल चढ़ाएं। शनिवार के दिन काला कंबल दान करें।
कुत्ते को रोटी, पक्षी को अनाज और ब्राह्मण को भोजन कराएं। लोहा दान करने से राहु की परेशानी जरूर दूर होगी।
  • राहु ग्रह का महादशा और अंतर्दशा

राहु एक राशि से दूसरी राशि में करीब 18 महीने के बाद अपनी राशि बदलते हैं। राहूकाल की महादशा लगभग 18 साल की होती है। वहीं राहू की अंतर्दशा 2 साल और 8 महीने की होती है।
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  • राहु ग्रह के बीज मंत्र
कुंडली में राहु के प्रभाव को कम करने के लिए राहु के बीज मंत्र ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम: का 108 बार जप करना चाहिए।
  • राहु ग्रह का रत्न और दिशा
गोमेद को राहु का रत्न माना गया है और राहू की दिशा दक्षिण-पश्चिम मानी गई है।

 

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