भगवान शिव 2022 जी को प्रसन्न कैसे किया जा सकता है आइए जाने हमारे साथ :

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भगवान शिव

भगवान शिव

भगवान शिव की पूजा में उनकी आरती के माध्यम से उनकी महिमा गाई जाती है। भगवान शिव शंकर को भोलेनाथ, त्रिलोकीनाथ, नीलकंठ, महादेव आदि नामों से भी पुकारा जाता है। मान्यताओं के अनुसार शिव शंकर की पूजा करने से गृहस्थ जीवन में अनुकूलता मिलती है। ऐसा माना जाता है कि शिव अपने भक्तों पर बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं और सच्चे मन से की गई भक्ति से उनके कष्ट दूर कर देते हैं। सोमवार के दिन सावन में महाशिवरात्रि के दिन शिव पूजा के समापन से पहले यह आरती अवश्य करें। यहां आप त्रिलोकीनाथ की आरती को शुद्ध देखकर पढ़ सकते हैं।

भगवान शिव

भगवान शिवजी की आरती

जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा
।।ॐ जय शिव..॥

एकानन चतुरानन पंचानन राजे
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे
।।ॐ जय शिव..॥

दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे
॥ ॐ जय शिव..॥

अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी
॥ ॐ जय शिव..॥

भगवान शिव

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे
॥ ॐ जय शिव..॥

कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता
॥ ॐ जय शिव..॥

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका
॥ ॐ जय शिव..॥

काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी
॥ ॐ जय शिव..॥

त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे
॥ ॐ जय शिव..॥

भगवान शिव

भगवान शिव जी  की आरती का महत्व :

शिव शंकर की पूजा करने से घर में हमेशा मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। शिव की पूजा करने से व्यक्ति को कभी भी आर्थिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है। धर्म के अनुसार शिव शंकर ही एक मात्र ऐसे देवता हैं जो अतिशीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं। उससे प्रसन्न होने से व्यक्ति की सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। शिव शंकर को भोलेनाथ, गंगाधर, नीलकंठ आदि नामों से भी पुकारा जाता है।

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