शनि देव
शनि देव की कृपा होने पर व्यक्ति के जीवन में कोई भी बाधा नहीं आती है। इस आरती को पढ़ें, जल्द ही भगवान शनिदेव प्रसन्न हो सकते हैं।
वैसे तो सप्ताह के सातों दिन किसी न किसी देवता को समर्पित होते हैं। लेकिन शनिवार का दिन विशेष रूप से शनिदेव को समर्पित है। शनिदेव एक ऐसे देवता हैं, जो व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि की स्थिति खराब हो जाती है, तो उस व्यक्ति को आर्थिक, मानसिक और शारीरिक रूप से हर तरह से कष्ट हो सकता है।
शनिदेव की पूजा करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। ऐसे में अगर आप भगवान शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए पूजा और आरती करते हैं तो शनिदेव की विशेष कृपा आप पर बरस सकती है। यहां आप हिंदी लिरिक्स के साथ भगवान शनिदेव की आरती पढ़ सकते हैं।
शनि देव की आरती जी :
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।
सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥
जय जय श्री शनिदेव..
श्याम अंग वक्र-दृष्टि चतुर्भुजा धारी।
नी लाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥
जय जय श्री शनिदेव..
क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥
जय जय श्री शनिदेव..
मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी॥
जय जय श्री शनिदेव..
देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी॥
जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी।।
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