हारे का सहारा बाबा श्याम जी 2022 हमारा जी की आरती नियमित करने से सभी संकट होते हैं दूर आइए जानिए :

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हारे का सहारा बाबा खाटू श्याम जी

हारे का सहारा बाबा श्याम जी :

हारे का सहारा बाबा श्याम जी – नीले घोड़े के सवार बाबा खाटू श्याम जी को हारे का सहारा, लखदातार, शीश की दानी, खाटू श्याम जी आदि नामों से जाना जाता है। माना जाता है कि नियमित रूप से खाटू श्याम जी की पूजा और आरती करने से सभी संकट दूर हो जाते हैं। ( हारे का सहारा बाबा श्याम जी )

हारे का सहारा बाबा खाटू श्याम जी

कलियुग में श्रीकृष्ण के अवतार के रूप में पूजे जाने वाले बाबा खाटू श्याम जी को सबसे बड़ा दानवीर कहा जाता है क्योंकि उन्होंने अपना शीश दान किया था। धार्मिक मान्यता है कि खाटू श्याम जी का नाम बर्बरीक था और वे बहुत ही वीर योद्धा थे। उन्हें दुर्गा माता से विजय का वरदान प्राप्त था। अपने प्राणों की परवाह किए बिना अपना सिर काटने वाले बर्बरीक से प्रसन्न होकर श्री कृष्ण जी ने उसे वरदान दिया था कि वह कलयुग में श्याम नाम से प्रसिद्ध होगा।

कलयुग में जो भी उनका नाम लेगा, उसके सारे संकट दूर हो जाएंगे। नीले घोड़े के सवार बाबा खाटू श्याम जी को हारे का सहारा, लखदातार, शीश की दानी, खाटू श्याम जी आदि नामों से जाना जाता है। माना जाता है कि नियमित रूप से खाटू श्याम जी की पूजा और आरती करने से सभी संकट दूर हो जाते हैं। देशी। यहां हम खाटू श्याम जी की आरती के बोल लेकर आए हैं, जिसके जरिए आप इसे पूजा के दौरान पढ़ सकते हैं…  (हारे का सहारा बाबा श्याम जी)

हारे का सहारा बाबा खाटू श्याम जी

हारे का सहारा बाबा श्याम जी की आरती :

ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे।
खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे॥
॥ॐ जय श्री श्याम हरे…॥
रतन जड़ित सिंहासन, सिर पर चंवर ढुरे।
तन केसरिया बागो, कुण्डल श्रवण पड़े॥
॥ॐ जय श्री श्याम हरे…॥
हारे का सहारा बाबा खाटू श्याम जी

गल पुष्पों की माला, सिर पार मुकुट धरे।
खेवत धूप अग्नि पर दीपक ज्योति जले॥
॥ॐ जय श्री श्याम हरे…॥
मोदक खीर चूरमा, सुवरण थाल भरे।
सेवक भोग लगावत, सेवा नित्य करे॥
॥ॐ जय श्री श्याम हरे…॥

झांझ कटोरा और घडियावल, शंख मृदंग घुरे।
भक्त आरती गावे, जय – जयकार करे॥
॥ॐ जय श्री श्याम हरे…॥
जो ध्यावे फल पावे, सब दुःख से उबरे।
सेवक जन निज मुख से, श्री श्याम – श्याम उचरे॥
॥ॐ जय श्री श्याम हरे…॥
श्री श्याम बिहारी जी की आरती, जो कोई नर गावे।
कहत भक्त – जन, मनवांछित फल पावे॥
॥ॐ जय श्री श्याम हरे…॥
जय श्री श्याम हरे, बाबा जी श्री श्याम हरे।
निज भक्तों के तुमने, पूरण काज करे॥ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे।
खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे॥

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