अमरनाथ यात्रा 2024: तिथियां और महत्व इस साल 45 दिन ही होंगे बाबा बर्फानी के दर्शन

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अमरनाथ यात्रा 2024

अमरनाथ यात्रा 2024 : इस साल शुभारंभ 29 जून दिन शनिवार से होने जा रहा है. इस बार की  कुल 45 दिनों की होगी. इस बार शिव भक्त बाबा बर्फानी के दर्शन 45 दिन ही कर पाएंगे. इस बार की शोभन योग और आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि में शुरू होगी. 29 जून को अष्टमी तिथि दोपहर 02:19 पीएम तक है, वहीं शोभन योग प्रात:काल से शाम 06:54 पीएम तक है. उस दिन उत्तर भाद्रपद नक्षत्र सुबह 08:49 एम तक है, उसके बाद रेवती नक्षत्र है. यात्रा के पहले दिन का शुभ समय यानी अभिजित मुहूर्त 11:57 एएम से 12:53 पीएम तक है.

रक्षाबंधन पर होगा अमरनाथ यात्रा का समापन

इस साल की अमरनाथ यात्रा 19 अगस्त को समाप्त होगी. उस दिन सावन पूर्णिमा तिथि, सावन का पांचवा सोमवार और भाई बहन के प्रेम का त्योहार रक्षाबंधन भी होगा. समापन वाले दिन भी शोभन योग होगा. हालांकि उस दिन 05:53 एएम से सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग हैं, जो सुबह 08:10 एएम तक रहेंगे.

अमरनाथ यात्रा 2024

 

अमरनाथ यात्रा का रजिस्ट्रेशन 

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमरनाथ यात्रा का रजिस्ट्रेशन 15 अप्रैल दिन सोमवार से शुरू हो जाएगा. हालांकि अमरनाथ यात्रा के लिए शारीरिक तौर पर फिट रहना जरूरी है. अमरनाथ यात्रा करने वालों को मेडिकल सर्टिफिकेट के साथ और भी कई दिशानिर्देशों का पालन करना जरूरी होता है.

 शिव ने माती पार्वती को अमरत्व की कथा 

पौराणिक कथाओं के अनुसार, बाबा अमरनाथ की पवित्र गुफा में भगवान शिव ने माती पार्वती को अमरत्व की कथा सुनाई थी. हालांकि माता पार्वती कथा के बीच में ही सो गईं. कहा जाता है कि उस गुफा में भगवान शिव और माता पार्वती के अलावा कबूतर का एक जोड़ा भी मौजूद था, जिसने अमरत्व की कथा सुन ली थी.

अमरनाथ यात्रा 2024

 

हिन्दू धर्म की एक प्रमुख तीर्थ यात्रा

हिन्दू धर्म की एक प्रमुख तीर्थ यात्रा है, जो हर साल लाखों श्रद्धालुओं को अपनी पवित्रता में विश्वास जगाती है। इस वर्ष, जून के महीने में शुरू होगी और 45 दिनों तक चलेगी। , भगवान शिव के गुफा में बर्फ की शिवलिंग के दर्शन के लिए जाने जाते हैं। यह  हिमालय के गहरे शिखरों और प्राकृतिक सौंदर्य के बीच एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करती है।

यात्रा की तैयारियाँ :अमरनाथ यात्रा 2024

अमरनाथ यात्रा की तैयारियों में सरकार ने सुरक्षा की व्यवस्था को महत्वपूर्ण मानते हुए सुनिश्चित किया है कि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार का किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े। भगवान शिव नहीं चाहते थे कि अमरत्व की कथा देवी पार्वती के अलावा कोई और सुने. इसलिए उन्होंने कैलाश से चलते समय नंदी, गणेश जी, वासुकी समेत अन्य गणों को रास्ते में ही छोड़ दिया था. अमरनाथ यात्रा के समय ​जिनको शिवजी ने जहां पर छोड़ा था, आज उसके नाम से स्थान है.

अमरनाथ यात्रा 2024

 

यात्रा का प्रारंभिक दौर शिवरात्रि के उत्सव

यात्रा का प्रारंभिक दौर आम तौर पर पहाड़ी क्षेत्रों से आरंभ होता है। श्रद्धालुओं को यहां अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक आवास प्रदान किया जाता है। यात्रा के दौरान शिवरात्रि के उत्सव का आयोजन किया जाता है, जिसमें भगवान शिव की पूजा और भजन-कीर्तन किया जाता है।

गुफा में बर्फ की शिवलिंग के दर्शन  :अमरनाथ यात्रा 2024

यात्रा का हाइलाइट अमरनाथ गुफा में बर्फ की शिवलिंग के दर्शन हैं। श्रद्धालुओं को इस अनुभव में एक अद्वितीय ध्यानाभ्यास और धार्मिक अनुभव का अवसर मिलता है।

अमरनाथ यात्रा 2024

 

प्रसाद और भोजन

यात्रा के दौरान भगवान की कृपा और आशीर्वाद के रूप में प्रसाद और भोजन की व्यवस्था की जाती है। यहां पर स्थानीय खाद्य और प्रसाद परोसा जाता है।

समापन

अमरनाथ यात्रा एक धार्मिक, सांस्कृतिक, और प्राकृतिक अनुभव का समापन होता है, जिसमें श्रद्धालुओं को भगवान के दर्शन का अद्वितीय अनुभव मिलता है। इस यात्रा के माध्यम से लोग अपने आत्मा को शुद्ध करते हैं और अपने आत्मिक उन्नति की दिशा में कदम बढ़ाते हैं।

 

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