कामदा एकादशी 2024:हिंदू नववर्ष की पहली एकादशी, पुत्र रत्न की प्राप्ति करें

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कामदा एकादशी 2024

कामदा एकादशी 2024:हिंदू नववर्ष की शुरुआत हो चुकी है. हिंदू नव वर्ष का पहला एकादशी बेहद खास माना जाता है. किसी भी मनोकामनाओं के लिए यह एकादशी सबसे महत्वपूर्ण होता है. इस एकादशी को कामदा या कामना एकादशी भी कहते हैं. एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा विधि विधान के साथ होती है. इससे भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. इससे मोक्ष की प्राप्ति होती है. ऐसी मान्यता है कि इस एकादशी के दिन व्रत रखने से मनुष्य को यज्ञयो के समान फल की प्राप्ति होती है. तो आईये जानते है देवघर के ज्योतिषाचार्य से कब है कामदा एकादशी का व्रत?.

मुदगल ज्योतिष केंद्र

देवघर के पागल बाबा आश्रम में स्थित मुदगल ज्योतिष केंद्र के प्रसिद्ध ज्योतिष आचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने लोकल 18 से कहा कि चैत्र माह शुक्ल पक्ष की एकादशी बेहद खास होता है. इसे कामदा या फलदा एकादशी भी कहते हैं.यह व्रत  19 अप्रैल को रखा जाएगा. पुत्र रत्न की प्राप्ति के लिए कामदा एकादशी के दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा आराधना अवश्य करनी चाहिए. वहीं इस साल कामदा एकादशी के दिन बेहद दो शुभ योग का भी निर्माण होने जा रहा है. ध्रुव योग और वृद्धि योग जो बेहद शुभ माना जाता है.

कामदा एकादशी 2024

 

कब से शुरु हों रही एकादशी तिथी :

एकादशी तिथि की शुरुआत 18 अप्रैल शाम 05 बजकर 21 मिनट से होने जा रहा है. इसका समापन अगले दिन 19 अप्रैल रात 7 बजकर 56 मिनट में होगा है. उदयातिथि के अनुसार एकादशी का व्रत 19 अप्रैल को रखा जाएगा. इस दिन दो शुभ योग ध्रुव और वृद्धि योग का भी निर्माण होने जा रहा है. इसलिए यह एकादशी और भी खास हो जाता है.

पुत्र रत्न के लिए जरूर करें एकादशी का व्रत

ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि पुत्र रत्न की प्राप्ति के लिए महिलाओं इस व्रत को जरूर रखना चाहिए. जिस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा आराधना विधि विधान के साथ करना चाहिए. इसके बाद अपनी मनोकामना भगवान विष्णु से मांगना चाहिए. इस दिन मांगी गई मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण होती है.


कामदा एकादशी 2024
आगमन का प्रतीक

कामदा एकादशी हिंदू नव वर्ष के आगमन का प्रतीक है, जो आध्यात्मिक कायाकल्प और शुभ शुरुआत का समय है। हिंदू चंद्र कैलेंडर में चैत्र महीने के ग्यारहवें दिन (एकादशी) को पड़ने वाला यह पवित्र अवसर दिव्य आशीर्वाद और उनकी इच्छाओं की पूर्ति चाहने वाले भक्तों के लिए गहरा महत्व रखता है। “कामदा” नाम स्वयं इच्छाओं को पूरा करने वाले का प्रतीक है, जो इस विश्वास की ओर इशारा करता है कि इस एकादशी का पालन किसी की हार्दिक आकांक्षाओं को पूरा कर सकता है।

एकादशी को उत्साहपूर्वक भक्ति

दुनिया भर में भक्त कामदा एकादशी को उत्साहपूर्वक भक्ति के साथ मनाते हैं, ब्रह्मांड के संरक्षक भगवान विष्णु का सम्मान करने के लिए एक दिन का उपवास करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को करने और भगवान विष्णु को समर्पित प्रार्थनाओं और अनुष्ठानों में शामिल होने से व्यक्ति उनकी दिव्य कृपा और आशीर्वाद प्राप्त कर सकता है। इसके अतिरिक्त, कामदा एकादशी को विशेष रूप से “पुत्र रत्न” या पुत्र के वरदान की प्राप्ति से जुड़े होने के कारण भी पूजनीय माना जाता है। संतान की इच्छा रखने वाले जोड़े अक्सर संतान प्राप्ति की आशा से इस एकादशी का व्रत करते हैं।

भौतिक इच्छाओं

कामदा एकादशी का महत्व केवल भौतिक इच्छाओं से परे है, जो आध्यात्मिक शुद्धि और आंतरिक परिवर्तन के महत्व पर जोर देता है। यह भक्तों के लिए अपने जीवन पर चिंतन करने, पिछली गलतियों के लिए क्षमा मांगने और आने वाले वर्ष में एक धार्मिक मार्ग पर चलने का संकल्प लेने का अवसर प्रदान करता है। माना जाता है कि इस दिन किया गया उपवास और प्रार्थना आत्मा को शुद्ध करती है, मन को शुद्ध करती है और परमात्मा के साथ व्यक्ति के आध्यात्मिक संबंध को मजबूत करती है।

कामदा एकादशी 2024

भगवान विष्णु को प्रार्थना

जैसे ही कामदा एकादशी पर सूर्योदय होता है, भक्त मंदिरों और घरों में इकट्ठा होते हैं, भगवान विष्णु को प्रार्थना, भजन और भक्ति गीत पेश करते हैं। विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं, जिनमें धर्मग्रंथों का पाठ और पवित्र मंत्रों का पाठ, दिव्य उपस्थिति का आह्वान करना और नए साल में समृद्धि, खुशी और कल्याण के लिए आशीर्वाद मांगना शामिल है। इस दौरान दान और दयालुता के कार्यों को भी प्रोत्साहित किया जाता है, क्योंकि भक्त प्राप्त आशीर्वाद के लिए आभार व्यक्त करते हैं और जरूरतमंद लोगों के प्रति दया व्यक्त करते हैं।

भावना का प्रतीक

संक्षेप में, कामदा एकादशी नवीनीकरण, आशा और दैवीय कृपा की भावना का प्रतीक है, जो वादों और शुभ शुरुआत से भरे नए साल की शुरुआत करती है। यह हमें विश्वास, भक्ति और धार्मिकता के शाश्वत सिद्धांतों की याद दिलाता है, जो हमें आध्यात्मिक पूर्णता और आंतरिक शांति के जीवन की ओर मार्गदर्शन करता है। जैसे ही भक्त इस पवित्र दिन को श्रद्धा और ईमानदारी के साथ मनाते हैं, वे भगवान विष्णु के परम आशीर्वाद और अपनी गहरी आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए आत्म-खोज और दिव्य साम्य की यात्रा पर निकलते हैं।

 

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