केदारनाथ धाम: एक धार्मिक पथ का अद्वितीय संगम

Author:

केदारनाथ धाम

केदारनाथ धाम:देवभूमि उत्तराखंड में 33 कोटी देवी-देवता वास करते हैं. यहां देवी-देवताओं से जुड़ी कहानियां आज भी सुनने को मिलती हैं. उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में   है और मंदिर के कपाट खुलने के बाद हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन को पहुंचते हैं. अगर आप किसी कारणवश केदारनाथ नहीं जा पा रहे हैं, तो अल्मोड़ा आ सकते हैं. अल्मोड़ा में भी केदारनाथ का प्राचीन मंदिर स्थापित है. अल्मोड़ा शहर से तकरीबन 35 किलोमीटर की दूरी पर विश्व विख्यात जागेश्वर धाम में भगवान केदारनाथ का भी मंदिर है, जहां हर माह हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन को आते हैं.

भोलेनाथ का पृष्ठ भाग

जागेश्वर धाम में केदारनाथ का जो मंदिर स्थापित है, वह रुद्रप्रयाग जिले के केदारनाथ मंदिर जैसा ही है.   जैसा भोलेनाथ का पृष्ठ भाग यानी कि पीठ वाला हिस्सा देखने को मिलता है, वैसा ही जागेश्वर धाम में भी भगवान शंकर इसी रूप में विराजमान हैं. यह स्वयंभू शिवलिंग है. जो भी श्रद्धालु केदारनाथ धाम नहीं जा पाते हैं, वह इस मंदिर में आते हैं. बाबा केदार अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं. इस मंदिर के कपाट 12 महीने खुले रहते हैं. सुबह-शाम आरती व भोग लगाया जाता है.

केदारनाथ धाम

 

आदि गुरु शंकराचार्य भी आए थे जागेश्वर धाम

जागेश्वर धाम पहुंचे दिल्ली निवासी श्रद्धालु जय भगवान कौशिक ने कहा कि केदारनाथ धाम और जागेश्वर धाम का केदारनाथ मंदिर दोनों एक ही हैं. जो भी भक्त केदारनाथ मंदिर नहीं जा पाते हैं, वो यहां आकर भी भगवान शंकर के उसी रूप में दर्शन कर सकते हैं. आदि गुरु शंकराचार्य भी जागेश्वर धाम आए थे और उन्होंने भी माना था कि यहां पर साक्षात भोलेनाथ विराजमान हैं. उनका मानना है कि अगर जीवन खत्म भी हो, तो भोलेनाथ के चरणों में खत्म हो.

यात्रा के मध्यभाग में कठिनाइयों का सामना

हिमालय के श्रृंगारी वाणी बाबा केदार की धरती पर स्थित है। यहां की पवित्रता और मान्यताओं के तहत हर साल लाखों श्रद्धालु यात्रा को अपनी ओर आकर्षित करती है। हालांकि, कई बार यात्रियों को इस पवित्र स्थल तक पहुंचने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है।कठिनाईयों का सामना करते हुए, कई श्रद्धालु बाबा केदार  तक नहीं पहुंच पाते हैं। इसके बजाय, वे अल्मोड़ा की ओर मुख मोड़ लेते हैं, जो उसी पवित्र आत्मा को महसूस करने का अद्वितीय अनुभव प्रदान करता है।

केदारनाथ धाम

 

अद्वितीय प्राकृतिक सौंदर्य का प्रतिनिधित्व

अल्मोड़ा, उत्तराखंड के आँचल में विराजमान है, जो अपनी प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। यहां की शांति और सुंदरता यात्रियों के मन को शांत करती है और उन्हें अपने आप से जुड़ने का मौका देती है।

आत्मा की शांति की खोज

जो यात्री केदारनाथ धाम नहीं पहुंच पाते, वे अल्मोड़ा में अपने मन को शांत करने के लिए आते हैं। यहां का वातावरण ध्यान, ध्यान और मनन के लिए अनुकूल है।

आध्यात्मिक संगम का अनुभव

यह अनोखा प्राकृतिक संगम, जहां केदारनाथ धाम के प्राचीनतम सन्निधान की ऊर्जा और अल्मोड़ा की शांति का एक मिलन नजर आता है, आत्मा के अद्वितीय संगम का अनुभव प्रदान करता है।

केदारनाथ धाम

समापन

अल्मोड़ा, एक अनुभव जो शांति, ध्यान और संगम का स्वरूप है, यहां के यात्री अपने आप को पुनः खोजते हैं, जब वे केदारनाथ धाम की यात्रा के लिए तैयार नहीं होते। अल्मोड़ा एक ऐसा स्थान है जहां प्राकृतिक सौंदर्य और आत्मिक शांति का अनुभव अपने आप में एक अद्वितीय साधन है।

 

Read more for new topics :- https://carecrush.in

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *