खाटू श्याम का मंदिर राजस्थान में ही नहीं… एमपी में यहां भी है जानें स्थापना की अनोखी कहानी
बाबा खाटू श्याम के मंदिर की स्थापना
इंदौर के कबीर खेड़ी में बाबा खाटू श्याम के मंदिर की स्थापना कई वर्षों पहले हुई थी, लेकिन इस मंदिर से जुड़ी कई कहानियां भी प्रचलित हैं, जो भक्ति पर विश्वास को और बढ़ाती हैं. सुभाष की पत्नी नीलम हाड़ा ने Local 18 को बताया कि सुभाष जी को 2016 के पहले अंधविश्वास और टोना टोटका पर भरोसा था, जिसके कारण वह कई समस्याओं का सामना भी करते थे. बाबाओं से मिलते थे. घर के हालात बिगड़ते जा रहे थे. उस समय एक मित्र के साथ सीकर के खाटू श्याम मंदिर चले गए. तब से तांत्रिकों से उकना पीछा छूट गया और हालत सुधारने लगे. मगर, एक बार किसी कारण नहीं जा सके तो निराश हो गए. इसके बाद दोस्त के साथ इंदौर में ही मंदिर बनवाने का फैसला किया.
ऐसे स्थापित हुआ खाटू श्याम का मंदिर
सुभाष जी के मित्र मुकेश चौकसे बताते हैं कि जब मूर्ति को घर पर लाए तो वह घर पर ही स्थापित हो गई. तमाम कोशिशों के बावजूद उसे कोई हिला नहीं सका. फिर सुभाष ने अकेले ही इस मंदिर को बनवाने का प्राण लिया. पहले जहां, जमीन के लिए राशि दी, वो डूब गई. फिर दूसरी जगह पर मंदिर बनवाने के लिए जमीन खरीदी, फिर ये मंदिर बनवाया. जो लोग राजस्थान नहीं जा सकते, उन्होंने यहां आना शुरू किया. लोगों की मुरादें पूरी होने लगीं. त्योहार और दिवस के अनुसार बाबा का श्रृंगार किया जाता है, जो देखने में बेहद आकर्षक होता है.
विशेष अवसरों पर सागर में स्नान
खाटू श्याम का मंदिर मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में स्थित है और यहां भी एक अनोखी कहानी संबंधित है। मंदिर की स्थापना के पीछे एक पुरानी लोक कथा है जो मानती है कि भगवान का अवतार हैं और उनके दर्शन से भक्तों को सुख-शांति प्राप्त होती है।चारों ओर जगह-जगह प्रेम और भक्ति की ध्वनि सुनाई देती है। इस मंदिर के पास एक बड़ा सागर है जिसे ‘खाटू तालाब’ कहा जाता है। यहां के लोग विशेष अवसरों पर सागर में स्नान करने आते हैं और इसे पवित्र मानते हैं।
खाटू श्याम की उपासना से सुख और समृद्धि
मंदिर की स्थापना के बारे में कथा कहती है कि कई सदियों पहले, एक गाँव के निवासियों ने यहां एक छोटे से शिवलिंग की पूजा की थी। एक बार, गाँव में अचानक सूखा और अकाल आ गया। लोगों ने बड़ी चिंता में रहकर शिवलिंग की पूजा की, परन्तु वे सफल नहीं हो सके।इस संकट के समय, एक छोटा सा बालक आया और उन लोगों को बताया कि खाटू श्याम की उपासना से सुख और समृद्धि मिलती है। उसने लोगों से एक शिवलिंग के पास अपनी निवेदना रखी और प्रार्थना की कि खाटू श्याम उनकी समस्या को हल करें।
मनोकामनाओं की पूर्ति
अगले दिन से ही, गाँव में बरसात होने लगी और अकाल खत्म हुआ। लोगों ने खाटू श्याम का ध्यान रखना शुरू किया और उनके प्रति विश्वास बढ़ा। उन्होंने मंदिर की स्थापना की और खाटू श्याम की पूजा आरंभ की। मंदिर अब एक प्रमुख धार्मिक स्थल है जहां हर साल लाखों भक्त आते हैं और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करते हैं। इस मंदिर की स्थापना की यह अनोखी कहानी लोगों के मन में एक अद्वितीय और आश्चर्यजनक भावना भर देती है।
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