गोरज्जीया माता मंदिर:नहीं देखा होगा ऐसा भक्त,सिर पर उगाए ज्वारे

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गोरज्जीया माता मंदिर

गोरज्जीया माता मंदिर: हिंदू धर्म में मान्यता है कि देवी-देवताओं की भक्ति के पीछे अपार शक्ति छुपी होती है. इसका नतीजा है कि भक्त बड़ी से बड़ी तपस्या को भी आसानी से पूरा कर लेता है. जी हां, ऐसी ही अजब-गजब तपस्या के बारे में बताने जा रहे है. दरअसल उदयपुर जिले के गोगुंदा के रावलिया खुर्द के अवाणी गांव के गोरज्जीया माता मंदिर में माता की अटूट भक्ति देखने को मिल रहा है

भक्त प्रकाश महाराज

 जहां देवी को खुश करने के लिए माता का एक भक्त प्रकाश महाराज ने अपने सिर पर ज्वारे उगा दिए हैं. इस कठिन तपस्या के पीछे भक्त की इच्छा है कि माता की कृपा अपने भक्तों पर बनी रहे और देश में सुख-समृद्धि व अमन चैन कायम हो.

 भक्तों की लगी भीड़

 चैत्र नवरात्रि के शुरुआत से ही प्रकाश महाराज ने सिर पर ज्वारे बोये हैं. जो उगकर अब बड़े-बड़े हो गए हैं. लोगों ने बताया कि महाराज ने अन्न का त्याग करके प्यास लगने पर सिर्फ एक दो चम्मच पानी पीकर तपस्या शुरू की. रामनवमी के दिन इन ज्वारों को विधि-विधान के साथ नदी में विसर्जन किया गया. वहीं माता की भक्ति में लीन भक्त को देखने के लिए दूर-दूर के गांव से श्रद्धालु पहुंचे. माता के मंदिर में ग्रामीण भक्ति आराधना भी कर रहे हैं.

गोरज्जीया माता मंदिर

इस मंदिर 

अवाणी गांव में स्थित गोरज्जीया माता का मंदिर आसपास क्षेत्र के ग्रामीणों की आस्था का केंद्र है. यहां शारदीय नवरात्र व चैत्र नवरात्र में दर्शनों के लिए भक्तों की भीड़ लगती है और जो भी भक्त माता के दर्शन कर मनोकामना मांगता है, उसकी मनोकामना पूरी होती है. इस मंदिर की एक खास मान्यता है कि सर्प के काटने के बाद जो मरीज मंदिर पहुंचता है.

विश अपने आप ही उतर जाता

उसका विश अपने आप ही उतर जाता है.नहीं देखा होगा ऐसा भक्त, जो माता को खुश करने के लिए सिर पर उगा दिया ज्वार। उसकी आंखों में चमक थी, जैसे कि वह दिव्य शक्तियों से ओतप्रोत था। उसका प्यार माता के प्रति इतना अद्भुत था कि उसने अपने शरीर की सभी बाधाओं को पार कर दिया।

साहसिक कदम

वहाँ खड़ी भीड़ ने उसके साहसिक कदम की तारीफ की। उनकी आँखों में भी उत्साह था, क्योंकि उन्होंने भगवान की एक नई अवतार की पहचान की थी। उनका दिल उनकी श्रद्धा से भरा हुआ था, और वे सभी मिलकर माता की प्राप्ति के लिए प्रयासरत थे।

गोरज्जीया माता मंदिर

 

प्रेरणादायक

वहाँ कुछ लोग थे जो इस दृश्य को अद्भुत और प्रेरणादायक मान रहे थे। उनके लिए यह एक समर्थन था कि जब आदमी का मन भगवान के प्रति हो, तो उसकी शक्ति में कोई सीमा नहीं होती।

भगवान की भक्ति

इस अनूठे दृश्य ने सभी को एक साथ ले जाकर भगवान की भक्ति की ओर आग्रहित किया। उनकी शक्ति और साहस की प्रेरणा से, वे सब एक हो गए, एकता के साथ, माता के दर्शन के लिए निरंतर प्रयासरत रहने वाले।

 

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