चैत्र नवरात्रि की पंचमी
चैत्र नवरात्रि की पंचमी :मां गजलक्ष्मी मंदिर में सालभर कई आयोजन होते ही रहते हैं. लेकिन चैत्र मास में इस मंदिर की विशेषता इसलिए भी बढ़ जाती है. क्योंकि पंचमी पर माता का प्रकट उत्सव मनाया जाता है. इस दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहा पहुंचते है.वैसे तो माता लक्ष्मी का वाहन उल्लू है. वह उल्लू पर सवार होकर सबको आशीर्वाद देती हैं.लेकिन, उज्जैन में विश्व का एकमात्र ऐसा मंदिर है.यहां मां लक्ष्मी गज पर सवार है. यह मंदिर नई पेठ क्षेत्र स्थित है.
गजलष्मी मंदिर
चैत्र माह की पंचमी पर गजलष्मी मंदिर पर उत्सव बनाया जा रहा है. जिसमे सुबह गजलष्मी मंदिर माताजी को दूध, दही, शहद, शकर, जल से पंचामत कर स्नान कराया गया गजलष्मी मंदिर मे माताजी के प्रकट उत्सव पर सुबह से ही भक्तो का ताता लगा हुआ है. माताजी के स्नान के बाद माताजी जी अद्धभुत श्रंगार किया गया.मां गजलक्ष्मी मंदिर में सालभर कई आयोजन होते ही रहते हैं.
प्रकट उत्स्व
चैत्र मास में इस मंदिर की विशेषता इसलिए भी बढ़ जाती है. क्योंकि, चैत्र नवरात्रि की पंचमी पर माता का प्रकट उत्सव मनाया जाता है.चैत्र मास की पंचमी को श्री पंचमी भी कहा जाता है. चैत्र नवरात्रि मे माताजी की पंचमी को प्रकट उत्स्व बनाने की परम्परा है. समुद्र मंथन के समय ही माताजी गजलष्मी प्रकट हुई थी. इसलिए हर साल चैत्र माह की पंचमी को यह उत्सव बनाया जाता है.आज माताजी का इस अवसर पर विशेष श्रंगार किया गया.
अद्भुत श्रृंगार
चैत्र नवरात्रि के पांचवें दिन, उज्जैन शहर में गजलक्ष्मी मंदिर का विशेष महत्व है। यहां की गजलक्ष्मी देवी को श्रद्धा और भक्ति से अद्भुत श्रृंगार किया जाता है। इस दिन मंदिर की सजावट में एक अद्वितीय चमक होती है, जो देवी की अनुपम सुंदरता को और बढ़ा देती है।मंदिर के दरवाजे पर खड़े भक्तों को आकर्षित करने के लिए, श्रृंगारित मंदिर का दृश्य एक प्रेरणादायक अनुभव प्रदान करता है। गजलक्ष्मी की मूर्ति पर सोने और चांदी के अलंकार, मोती और प्रिश्त-प्रभावित ज्वेलरी से सजा होती है।
आशीर्वाद की प्राप्ति
इस दिन भक्तों की भीड़ भी अधिक होती है, जिन्हें देवी के आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए तरसा होता है। धार्मिक और सांस्कृतिक परंपरा के अनुसार, यह दिन मां गजलक्ष्मी की कृपा का अवसर माना जाता है।प्रात:काल से ही भक्तों की लंबी कतारें मंदिर के सामने खड़ी होती हैं, जिन्हें दर्शन करने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। यहां पर ध्यान, प्रार्थना और भक्ति की भावना सदैव महसूस होती है।
गजलक्ष्मी की विशेष पूजा और आरती के बाद, भक्तों को प्रसाद वितरित किया जाता है और उन्हें आशीर्वाद दिया जाता है। इस उत्सवी दिन में, उज्जैन की गजलक्ष्मी मंदिर की भक्ति और श्रद्धा का वातावरण अत्यंत आनंदमय होता है।
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