झुंझुनू: बंधे का बालाजी का यह मंदिर,आस्था का संगमस्थल

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झुंझुनू

झुंझुनू :झुंझुनू की चूरू रोड पर स्थित बंधे का बालाजी झुंझुनू में आस्था का एक प्रमुख केंद्र है. जहां पर न सिर्फ झुंझुनू से बल्कि अन्य राज्यों से भी श्रद्धालु आते हैं. बंधे के बालाजी में हनुमान जयंती के अवसर पर बड़े मेले का आयोजन होता है. मंदिर के बारे में जानकारी देते हुए श्री मोहन तुलसियान ने बताया की वे पिछले बीस पच्चीस वर्षों से मंदिर में सेवा कर रहे हैं.

मंदिर को स्थापित हुए

उन्होंने बताया कि मंदिर को स्थापित हुए लगभग 100 से 150 साल हो गए हैं. यहां पर शुरुआत में एक पत्थर नुमा प्रतिमा की पूजा अर्चना की जाती थी. वर्तमान समय में इसकी बनने वाली मूर्ति भी अद्भुत तरीके से बनाई गई है. यहां पर मूर्ति लगभग 150 किलो सिंदूर से बनाकर तैयार की जाती है, जिसको बनाने के लिए काफी मेहनत उनके द्वारा की जाती है.

विदेश से भी लोग आते हैं दर्शन करने

मंदिर का नाम बंधेका बालाजी रखे जाने पर उन्होंने बताया कि यहां पर एक बहुत पुराना पानी का बांध हुआ करता था. जिस बांध पर इस बालाजी का नाम बंधे का बालाजी रखा गया. जहां आज दिल्ली, मुंबई, कोलकाता सूरत इत्यादि जगहों से श्रद्धालु आते हैं. साथ ही झुंझुनूं के वे लोग जो अब विदेशों में रहने लगे है वो लोग भी मेले के अवसर पर मंदिर के दर्शन करने आते हैं.

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सिंदूर से तैयार होती है प्रतिमा

मंदिर की विशेषताओं के बारे में जानकारी देते हुए श्री मोहन ने बताया कि पहले मंदिर की प्रतिमा 1 किलो सिंदूर में तैयार की जाती थी. अब लगभग सवा सौ किलो सिंदूर में इस प्रतिमा को तैयार किया जाता है. इस प्रतिमा को बनाने में 6 से 7 महीने का समय लगता है. वह इसमें जो भी सामान की जरूरत होती है. वह आसानी से उपलब्ध हो जाता है.

राजस्थान का एक प्राचीन नगर

झुंझुनू, राजस्थान का एक प्राचीन नगर, भारतीय संस्कृति और परंपराओं का गहन खजाना है। यहां के मंदिरों में भगवान की प्रतिमाओं की शांतिपूर्वक विधि से पूजा की जाती है, जो आस्था का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। इस नगर में स्थित “बंधे का बालाजी” नामक मंदिर, भक्तों के लिए आध्यात्मिक और धार्मिक अनुभव का साकार है।

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महोत्सवों की धरोहर समृद्धता

मंदिर का निर्माण काल्पनिक क्षेत्र में हुआ है, जिसमें सजीवता की एक विशेष भावना होती है। यहां की ध्वनि और महोत्सवों की धरोहर समृद्धता की कहानी सुनाती है, जिसमें लोग अपने मन की अविश्वसनीय समृद्धि को धर्म के माध्यम से उत्तेजित करते हैं।झुंझुनू का “बंधे का बालाजी” मंदिर ध्यान और मैत्री की ऊंचाईयों को छूता है। यहां के मंदिर में उत्सवों के दौरान लोग एक-दूसरे के साथ एकता का संगम महसूस करते हैं, जो आत्मा को शांति और समृद्धि की अनुभूति कराता है।

सांस्कृतिक विविधता और विशेषता

यहां की धार्मिक गतिविधियां और परंपराएं जगह-जगह से आए लोगों को आकर्षित करती हैं, जिनकी सांस्कृतिक विविधता और विशेषता का आनंद उन्हें यहां मिलता है।झुंझुनू का “बंधे का बालाजी” मंदिर भगवान के ध्यान और आस्था के लिए एक सुखद स्थल है, जो लोगों को उनके आत्मिक संवाद की अनुभूति कराता है। यहां की पवित्रता और शांति वातावरण मन को प्रसन्नता और संतुष्टि की अनुभूति कराता है।

 

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