पंचमुखी हनुमान मंदिर
पंचमुखी हनुमान मंदिर : हर वर्ष चैत्र मास की पूर्णिमा को धूमधाम से हनुमान जयंती मनाई जाती है. इस वर्ष 23 अप्रैल को हनुमान जयंती मनाई जा रही है. हनुमान जयंती को लेकर गाजियाबाद में विशेष रौनक देखने को मिलती है. भगवान शिव के 11वें रुद्र अवतार यानी कि भगवान हनुमान का जन्म इसी दिन हुआ था. यूं तो गाजियाबाद में कई सारे हनुमान मंदिर मौजूद है. लेकिन, पुराने बस अड्डे स्थित मंदिर की काफी अलग मान्यता है. यह मंदिर पंचमुखी हनुमान जी का है. खासकर मंगलवार, शनिवार, हनुमान जयंती और हनुमान जी के विशेष पर्व में मंदिर में श्रद्धालु की खूब भीड़ होती है.
पुरानी मान्यता
मंदिर के पुजारी विनय शास्त्री ने लोकल-18 से बताया कि अहिरावण से भगवान राम-लक्ष्मणको मुक्तकराने के लिए हनुमानजी ने पंचमुखी रूप लिया था. पंचमुखी स्वरूप का उत्तर दिशा में वराह मुख, दक्षिण दिशा में नरसिंह मुख, पश्चिम में गरुड़ मुख, आकाश की तरफ हयग्रीव मुख एवं पूर्व दिशा में हनुमान मुख विराजमान है.
उन्नति के मार्ग
पंचमुखी हनुमान के बारे में कहा जाता है कि इनके इस रूप की मूर्ति जिस घर में होती है. वहां उन्नति के मार्ग में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और धन संपत्ति में वृद्धि होती है. पंचमुखी हनुमान जी आपके अंदर की नकारात्मक शक्तियों का भी नाश करते हैं. हफ्ते का कोई भी दिन हो यहां पर भक्तो की भीड़ लगी रहती है. सुबह 6 से 9 और शाम में 5:30 से 7 तक आप इस रूप के दर्शन कर सकते हैं.
मन का डर भगाने के लिए कवच
इस हनुमान मंदिर में प्रत्येक शाम को भक्तों को झाड़ा लगाया जाता है. यानी ऐसे भक्त, जो तनाव में है या फिर किसी चीज को लेकर बहुत ज्यादा भयभीत हैं. उन भक्तों को अभिमंत्रित कवच दिया जाता है, जिसका कोई भी शुल्क नहीं लिया जाता है. बस नियम होता है कि भक्तों को प्रत्येक मंगलवार हनुमान चालीसा का कम से कम एक पाठ करना है. आप भी इस चमत्कारी हनुमान मंदिर के दर्शन करना चाहते हैं तो गाजियाबाद के पुराने बस अड्डे पहुंच सकते है.
भक्तों की श्रद्धा
पंचमुखी हनुमान जी का मंदिर भारत में अनेकों हनुमान मंदिरों में से एक है, लेकिन इसकी खासियत उसके पंचमुखी रूप में है। यहां की महत्ता को समझने के लिए, लोग रक्षा कवच लेने के लिए बड़ी भीड़ में उमड़ते हैं।यहां के भक्त पंचमुखी हनुमान को अपने जीवन के सभी कठिनाइयों और संघर्षों से मुक्ति के लिए प्रार्थना करते हैं। उन्हें यहां पर अपने आप को शक्तिशाली महसूस होता है और उन्हें विश्वास होता है कि हनुमान उनकी सभी समस्याओं को हल करने में सक्षम हैं।
पंचमुखी रूप का महत्त्वआध्यात्मिक वातावरण
यह रूप विभिन्न दिशाओं में उनकी शक्ति को प्रकट करता है। यह रूप उनकी असीम शक्ति और साहस को प्रतिष्ठित करता है, जिसे भक्त अपने जीवन में अनुभव करना चाहते हैं।मंदिर का आध्यात्मिक वातावरण भक्तों को आत्म-शुद्धि और मानवीय संबंधों में सामंजस्य प्राप्त करने में मदद करता है। यहां की स्थलीय संगति और भक्ति का माहौल भगवान की अनुपस्थिति का अनुभव कराता है।
रक्षा कवच का महत्त्व समाप्ति
मंदिर के प्रांगण में रक्षा कवच लेने का विशेष महत्त्व है। यह भक्तों को उनकी संरक्षा और सुरक्षा के लिए हनुमान की कृपा का प्रतीक है, और वे इसे श्रद्धापूर्वक ग्रहण करते हैं।पंचमुखी हनुमान का यह मंदिर भक्तों के लिए एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण स्थल है जो उन्हें आध्यात्मिक और मानवीय दृष्टिकोण से समृद्धि और समाधान प्रदान करता है। यहां आने वाले भक्त अपने मन की शांति और सुख को प्राप्त करते हैं और हनुमान की कृपा में आनंदित होते हैं।
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