चामुंडा माता का मंदिर
बड़ा ही चमत्कारी : यूपी के मुरादाबाद में एक ऐसा मंदिर है, जिसकी मान्यता है कि यहां पर माता खुद विराजमान है. मान्यता है कि इस मंदिर में माता ने अपनी एक कुटी बनाई है, जिसमें वह खुद विराजमान है. उस कुटी को कभी खोला नहीं जाता है. जब माता यहां पर विराजमान हुई थी, तो मंदिर के पुजारी ने उन्हें चारों तरफ से बंद कर दिया था. जो आज भी बंद है. इसके साथ इस मंदिर से एक और रोचक कहानी जुड़ी हुई है. मान्यता है कि जब यहां पर माता विराजमान हुई थी. तब रेलवे के अधिकारियों द्वारा रेलवे लाइन बिछाने का कार्य किया जा रहा था. तो माता ने अपने मंदिर के पास से रेलवे लाइन नहीं बनने दी थी. मान्यता है कि माता बार-बार उस रेलवे लाइन को पलट देती थी.
चामुंडा माता का मंदिर
मुरादाबाद का यह चमत्कारिक चामुंडा माता का मंदिर गोविंद नगर के नजदीक विजयनगर में मौजूद है. मंदिर में अपनी सेवाएं दे रही भगवती ने बताया कि यहां पर माता निकली थी और खुद विराजमान हुई थी. इलाहाबाद से कोई व्यक्ति मुरादाबाद आया था और वह विजयनगर के आसपास उतरा था. यह माता उस व्यक्ति के साथ आई थी फिर यहां उन्होंने अपना स्थान ले लिया था. यह मंदिर करीब 100 साल पुराना मंदिर है. इस मंदिर की स्थापना और निर्माण हमारे समधी ने कराया था.
ट्रेन की पटरी बिछाते
उन्होंने बताया कि जब चामुंडा माता यहां पर विराजमान हो गई हुई, तब यहां पर रेलवे के अधिकारी नई पटरी लगा रहे थे. लेकिन वह उन पटरियों को बिछाने में कामयाब नहीं हो रहे थे. जब भी वह ट्रेन की पटरी बिछाते थे तुरंत माता उन्हें खिसका देती थी. इसके साथ ही आसपास के भी सभी लोगों का यही कहना है कि यहां पर जो चामुंडा माता निकली हुई है. उन्होंने यहां रेल की पटरी नहीं बनने दी थी. वहीं मान्यता है कि इस मंदिर से जो भी मन्नत मांगी जाती है, वह पूरी होती है. बस एक बार मंदिर में आकर पूजा कर मन्नत मांगने की देर है. झट से मन्नत पूरी हो जाती है. उन्होंने बताया कि संतान प्राप्ति समेत सभी मन्नत यहां पूरी हो जाती है.
मंदिर के मुख्य पुजारी को दिए थे दर्शन
भगवती ने बताया कि मंदिर के जो मुख्य पुजारी थे. उन्हें माता ने साक्षात दर्शन दिए थे. जब वह यहां पर विराजमान हुई थी, तो माता ने उनसे कहा था कि मैं चामुंडा माता हूं और उनसे मंदिर बनाने के विषय में और पूजा-पाठ के विषय में बातचीत हुई थी. तब हमारे समधी ने यहां पर मंदिर बनाया था. तभी से यहां की मान्यता बढ़ती चली गई और आज इसकी अच्छी खासी मान्यता है. मुरादाबाद ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों के लोग भी यहां पर पूजा-अर्चना करने के लिए आते हैं.
चमत्कारी माता का मंदिर: एक अद्भुत दर्शन
माता के पवित्र मंदिर के आसपास आवाज़ें गूंज रही थीं। यहां का माहौल हमेशा से ही आध्यात्मिकता से भरपूर रहता है। एक रोचक घटना ने हाल ही में सामान्य लोगों की नजरें खींची। जब रेलवे अधिकारियों ने माता के मंदिर के चारों ओर के भूमि का छानबीन किया, तो उन्होंने अद्भुत खोज की।
अद्भुत खोज: रेलवे कर्मचारियों का आश्चर्य
रेलवे कर्मचारियों को जब वहाँ कुछ असामान्य दिखाई दिया, तो उन्होंने हैरानी से अपने निशाने पर देखा। मंदिर के पास खुदाई करते समय, उन्होंने चमत्कारिक रूप से विकसित अंधेरे गुफा का खोजा।
रहस्यमयी गुफा: अद्भुत सुंदरता का निधान
गुफा के अंदर की सुंदरता ने उन्हें हैरान कर दिया। उसमें एक प्राचीन मूर्ति की खोज करने के बाद, उन्होंने गुफा को और भी गहराई से खोजने का निर्णय लिया।
प्राचीन मूर्ति: अद्भुत कला का प्रतीक
मिली मूर्ति की विशेषता ने उन्हें अचंभित किया। यह न केवल कला का प्रतीक था, बल्कि इसकी प्राचीनता और महत्वपूर्णता भी उन्हें प्रेरित किया।
माता के आशीर्वाद: एक संदेश या चमत्कार?
क्या यह आशीर्वाद का संदेश है, या फिर एक अद्भुत चमत्कार? इस प्रश्न का उत्तर अब तक अज्ञात है। लेकिन इस अनोखी घटना ने लोगों में नई आस्था और आत्मविश्वास का उत्थान किया है।
समाप्ति: चमत्कार या प्राकृतिक घटना?
कुछ लोग मानते हैं कि यह एक आम प्राकृतिक घटना है, जबकि दूसरे इसे चमत्कार मानते हैं। चाहे यह जीवित हो या न हो, यह घटना लोगों को आत्मविश्वास और आस्था में वृद्धि का एक संदेश देती है।
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