भगवान कृष्ण का ससुराल : जहां से किया रुक्मिणी का अपहरण,रहस्मयी बातें

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भगवान कृष्ण का ससुराल

भगवान कृष्ण का ससुराल: लोकसभा चुनाव के दूसरे फेज में महाराष्ट्र के अमरावती सीट की हर तरफ चर्चा हो रही है. सबकी निगाहें बीजेपी पर टिकी है, क्योंकि यहां पार्टी ने एक भी चुनाव नहीं जीता है. भारतीय जनता पार्टी ने मौजूदा सांसद नवनीत राणा को मैदान में उतारा है. 2019 में राणा ने निर्दलीय के रूप में यहां जीत हासिल की थीं. चुनावी अखाड़ों के अलावा इस जगह की और भी दिलचस्प कहानी है. आज हम इसके धार्मिक महत्व के बारे में बताएंगे. अमरावती से भगवान कृष्ण का क्या कनेक्शन है. आइए जानते हैं…

पत्नी रुक्मिणी का जन्म

अमरावती को भगवान कृष्ण का ससुराल कहा जाता है. दरअसल यही वो जगह है जहां भगवान कृष्ण की पत्नी रुक्मिणी का जन्म यहां के गांव कौण्डन्यपुर में हुआ था. वे राजा भीष्मक की बेटी थीं.  कहा जाता है कि भगवान कृष्ण ने उनकी बेटी रुक्मिणी का अपहरण तब किया था जब वह अपनी सहेलियों के साथ अंबादेवी के दर्शन के लिए जा रही थीं.

भगवान कृष्ण का ससुराल

 

भगवान कृष्ण को पति मान बैठीं थी रुक्मिणी

भागवत पुराण के मुताबिक, रुक्मिणी ने एक बार कृष्ण के वीरतापूर्ण कार्यों के बारे में सुना था, जैसे अत्याचारी राजा कंस का वध करना और दुष्ट राजा जरासंध का विरोध करना. इसी कारण रुक्मिणी भगवान कृष्ण से प्रेम करने लगीं और उन्हें मन ही मन अपना पति भी स्वीकार कर चुकी थीं. जब श्रीकृष्ण को पता चला कि रुक्मणी का विवाह उनकी इच्छा के विरुद्ध किसी दूसरे से हो रहा है, तब उन्होंने रुक्मणी की सहमती से उनका अपहरण किया.

वृंदावन का रहस्यमय गुप्त स्थान

भारतीय पौराणिक कथाओं में, भगवान कृष्ण का ससुराल एक रहस्यमय स्थान है। यहां से ही कृष्ण ने अपनी पत्नी रुक्मिणी का अपहरण किया था। लेकिन कई लोग इस स्थान के बारे में नहीं जानते हैं।भगवान कृष्ण का ससुराल वृंदावन के पास एक गुप्त स्थान में माना जाता है। यहां पर एक प्राचीन मंदिर है, जिसे स्थानीय लोग “भान्डीरवन” के नाम से जानते हैं।

भगवान कृष्ण का ससुराल

 

भान्डीरवन की कहानी भान्डीरवन का महत्व

भान्डीरवन के मंदिर में मान्यता है कि यहां से ही कृष्ण ने रुक्मिणी का अपहरण किया था। भगवान कृष्ण की लीलाएं और उनके भक्तों के श्रद्धालु इस स्थान को प्रतिष्ठित मानते हैं।भान्डीरवन के आस-पास कई प्राचीन किले और गुफाएं हैं, जो इस स्थान का इतिहास दर्शाती हैं। यहां कई धार्मिक आयोजन भी होते हैं, जिनमें भक्त भगवान कृष्ण की पूजा-अर्चना करते हैं।

अतीत से लेकर आज तक का संबंध भान्डीरवन की खोज

भान्डीरवन का सम्बन्ध प्राचीन काल से ही है, और यहां के स्थलों में ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व है। आज भी यहां के मंदिर और धार्मिक स्थल पर लाखों भक्त आध्यात्मिक चर्चा करते हैं।वृंदावन के पास कई रहस्यमय स्थान हैं, जिनमें से एक भान्डीरवन भी है। यहां के लोग और धार्मिक गुरुओं के अनुसार, भान्डीरवन की खोज भी अभी तक जारी है।

भगवान कृष्ण का ससुराल

 

धार्मिक महत्व

भान्डीरवन को धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि यहां के स्थानों पर भगवान कृष्ण की लीलाएं हुईं थीं। इसके अलावा, यहां का आत्मिक और आध्यात्मिक माहौल भक्तों को आकर्षित करता है।

समापन

भान्डीरवन एक रहस्यमय स्थान है जो भागवत पुराण में उल्लिखित है। इसका महत्व धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है और यहां के धार्मिक आयोजन और पूजा-अर्चना से भक्तों को आध्यात्मिक संतोष प्राप्त होता है।

 

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