महाकाल के भक्तों के लिए खुशखबरी
महाकाल के भक्तों के लिए खुशखबरी:विश्व प्रशिद्ध बाबा महाकाल के भक्तों के लिए खुशखबरी है. अब महाकाल मंदिर दर्शन के लिए आने वाले भक्त भगवान महाकाल को जल भी अर्पित कर सकेंगे. इसके लिए मंदिर समिति ने दो जल पात्र रखे हैं. यह व्यवस्था शुक्रवार से चालु हो चुकी है.श्री महाकालेश्वर मंदिर में भक्त श्री महाकालेश्वर भगवान को जल अर्पित कर सकेंगे. अब पुनः कार्तिकेय मण्डप से भी भक्त श्री महाकालेश्वर भगवान को जल अर्पित कर सकेंगे. प्रतिदिन बाबा महाकाल के दर्शन करने लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं, लेकिन वो महाकाल को जल नहीं चढ़ा पाते थे. लेकिन अब चढ़ा सकेंगे, जानिए कहां से चढ़ा सकेंगे श्रद्धालु जल.
भगवान महाकाल के दर्शन
इसके लिए मंदिर समिति ने दो जल पात्र रखे हैं, जिसमें भक्त जल पात्र में डालेंगे तो वो जल सीधे शिवलिंग पर अर्पित होगा. भगवान महाकाल के दर्शन करने वाले भक्तों की मुराद होती है कि भगवान महाकाल को एक लौटा जल अर्पित हो जाए. इसके लिए महाकाल मंदिर समिति ने शुक्रवार से जल अर्पित करने के लिए दो पात्र रखे हैं.यह दो पात्र हैं जो कि पहला सभा मंडप में और दूसरा कार्तिकेय मंडप में लगा दिया गया है. श्रद्धालु उक्त स्थान पर लगे जल पात्र में जल अर्पित करेंगे. यहीं से भक्तों का प्रवेश होता है.
महाकाल बाबा को गर्मी से बचाने के लिए
भक्त सुबह 6 बजे से शाम 5 बजे तक भगवान महाकाल को जल अर्पित कर सकेंदे, इसके लिए मंदिर समिति लौटा और जल उपलब्ध करवाएगी.महाकाल के भक्तों को कोई परेशानी ना हो इसलिए श्रद्धालुओं द्वारा अर्पित किया जल पाइप के माध्यम से मंदिर के गर्भगृह में लगे अभिषेक पात्र के माध्यम से भगवान श्री महाकालेश्वर को समर्पित होगा.महाकाल बाबा को गर्मी से बचाने के लिए वैशाख व ज्येष्ठ मास में भगवान को शीतलता प्रदान करने के लिए मिट्टी के कलश (गलन्तिका) से ठंडे पानी की जलधारा प्रवाहित की जाती है. अब श्री महाकालेश्वर भगवान के भक्तों द्वारा भी उनका जलाभिषेक हो पाएगा.
अब श्रद्धालु भी कर सकेंगे बाबा को जल अर्पित
महाकाल के भक्तों के लिए खुशखबरी है। अब श्रद्धालु भी कर सकेंगे बाबा को जल अर्पित। जैसा कि प्रमुख मंदिर प्रबंधन ने घोषणा की है, यह सुविधा अब समय सीमा के भीतर ही उपलब्ध होगी।यह नई पहल भक्तों के लिए एक बड़ी सुविधा होगी। अब वे अपनी श्रद्धा और प्रेम का प्रकटीकरण कर सकेंगे, अपने अनुकूल धार्मिक अभिवादन के रूप में।
मंदिर प्रबंधन ने यह सुनिश्चित किया
इस पहल के माध्यम से, समय की जटिलताओं को ध्यान में रखते हुए, मंदिर प्रबंधन ने यह सुनिश्चित किया है कि भक्तों को बाबा के समर्पण में कोई संवेदनशीलता नहीं हो।यह नई उपलब्धि न केवल अध्यात्मिकता को बढ़ावा देगी, बल्कि समुदाय की भावनाओं को भी समझेगी। महाकाल के इस नए चरण में, भक्तों का अनुभव और समर्पण और भी विशिष्ट और प्रोत्साहक होगा।
आस्था
यह नई उपलब्धि बाबा के भक्तों के लिए एक बड़ी क्षण है, जो उनकी श्रद्धा और आस्था को और भी मजबूत करेगा। महाकाल के समय की यह नई दिशा भक्तों के लिए एक संजीवनी है, जो उन्हें अपने धार्मिक अनुभव को अधिक सात्विक और प्रभावी बनाए रखने में मदद करेगा।
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