महादेव की कृपा
महादेव की कृपा : हिंदू नववर्ष की शुरुआत 9 अप्रैल को चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से हुई थी. हिंदू नववर्ष का पहला प्रदोष व्रत चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जा रहा है. इस दिन 3 शुभ योगों का निर्माण हो रहा है. प्रदोष के दिन लोग भगवान शिव के निमत्त व्रत रखते हैं और शाम के समय भगवान शिव की पूजा करते हैं. भगवान शिव की कृपा से व्यक्ति के सभी दुख दूर हो जाते हैं, जीवन में खुशहाली, सुख-समृद्धि और आरोग्य की प्राप्ति होती है. प्रदोष व्रत करने से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. इस दिन कुछ विशेष चीजें अर्पित करना शुभ होता है.
1. प्रदोष के दिन भोलेनाथ की पूजा का है महत्व
प्रदोष व्रत के दिन देवों के देव महादेव की पूजा और व्रत करने पर व्यक्ति के जीवन में खुशियां आती हैं और जो भी व्यक्ति इस व्रत को विधि-विधान से करता है, उसे सौ गाय-दान करने के बराबर फल प्राप्त होता है और उसके सभी दुःख दूर हो जाते हैं. यह व्रत हर मास में 2 बार रखा जाता है. प्रदोष व्रत में भगवान शिव, माता पार्वती के साथ भगवान गणेश की पूजा करने का विधान है.
2. साधकों के लिए भी खास हैं प्रदोष – महादेव की कृपा
कई साधक प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव के निमित्त व्रत करते हैं और विधि-विधान पूर्वक पूजा-अर्चना करते हैं. ऐसा माना जाता है कि प्रदोष व्रत करने से साधक को जीवन की कई समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है. इस तिथि को महादेव की कृपा प्राप्ति के लिए बहुत ही उत्तम समझा जाता है. अप्रैल का दूसरा प्रदोष व्रत रविवार के दिन पड़ रहा है. ऐसे में इसे रवि प्रदोष व्रत कहा जाएगा.
3. क्या अर्पित करें भोलेनाथ को
प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में करने का विधान है. इस दौरान शिव जी की विशेष कृपा प्राप्ति के लिए शिवलिंग पर घी, दूध, दही, शहद, और गंगाजल आदि जरूर अर्पित करें. वहीं अच्छी सेहत के लिए मंदिर जाकर शिवलिंग पर सूखा नारियल अर्पित करें और साथ ही अपने अच्छे स्वास्थ्य के लिए भगवान शिव से कामना करें. पंचांग के अनुसार चैत्र माह के
शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 20 अप्रैल 2024 को रात 10: 41 बजे होगी और इस तिथि का समापन 22 अप्रैल 2024 को सुबह 01:11 बजे होगा. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार रवि प्रदोष व्रत 21 अप्रैल को रखा जाएगा और इस दिन शिव पूजा समय 21 अप्रैल की शाम 06:51 से लेकर रात 09:02 तक रहेगा.
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4. महादेव की पाना चाहते हैं कृपा – महादेव की कृपा
प्रदोष के दिन, जब मनुष्य अपनी आत्मा के अंधकार से उबारने की श्रेष्ठता में निरंतर प्रयत्नशील रहता है, महादेव की कृपा का अनुभव करने का इच्छुक होता है। यह दिन महादेव के विशेष प्रेम और आशीर्वाद के लिए विशेष माना जाता है, और लोग उनके श्रृंगारिक विभूषणों को समर्पित करते हैं। महादेव की पूजा करते समय, अनेक लोग गंगा जल या धारा जल सहित धार्मिक और पारंपरिक वस्त्र, फूल, धूप, दीप, बेल पत्र, और अन्य प्रसाद चढ़ाते हैं। यह चीजें महादेव को समर्पित की जाती हैं, जिससे उनका आशीर्वाद मिलता है और जीवन में समृद्धि और खुशियाँ आती हैं।
5. जीवन से दूर हो जाएंगे सारे कष्ट
प्रदोष के दिन महादेव की पूजा करने से, विशेष रूप से उन्हें समर्पित किया गया समय और प्रसाद से, व्यक्ति का मन और आत्मा पवित्रता की ऊर्जा से भर जाता है। यह ऊर्जा उन्हें अपने जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता और शांति प्राप्त करने में मदद करती है। इस प्रकार, वह जीवन के सभी कठिनाइयों और कष्टों से दूर रहता है।
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6. उपसंहार
समय-समय पर महादेव की पूजा करने का महत्व और उसके द्वारा दिया गया आशीर्वाद को यदि हम निश्चित रूप से समझते हैं, तो हमारे जीवन में ध्यान और समर्पण की भावना आती है। प्रदोष के दिन इसे भलीभाँति मनाकर हम अपने आत्मिक उत्थान का संचार करते हैं। प्रदोष के दिन महादेव की पूजा करना अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उनकी कृपा को प्राप्त करने का एक श्रेष्ठ अवसर प्रदान करता है। यह परंपरागत रीति-रिवाजों का एक हिस्सा होता है जो हमें आत्मिक और शारीरिक सुधार और समृद्धि के लिए मार्गदर्शन करता है।
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