मां काली का मंदिर:श्मशान में अंधेरे के बीच भक्ति,आधी रात में होती है पूजा

Author:

मां काली का मंदिर

मां काली का मंदिर: यूं तो आपने कई ऐसे मंदिर देखे होंगे जो एक खुले स्थान पर या फिर पहाड़ की चोटी पर स्थापित होते हैं. लेकिन राजस्थान के मेवाड़ के प्रवेश द्वार कहे जाने वाले भीलवाड़ा में एक ऐसा मंदिर है. जिसका नाम सुनते ही आपकी रूह तक कांप जाएगी. दरअसल यह मंदिर भीलवाड़ा शहर के श्मशान में स्थित है.काली माता का यह मंदिर वास्तव में एक अनोखा मंदिर है. जहां आमतौर पर लोग श्मशान में जाने से पहले 10 बार सोचते हैं. लेकिन यह एक ऐसा मंदिर है. जहां पर देर रात भी कोई श्रद्धालु पहुंच जाता है तो वह सोच विचार नहीं करता. यहां दूर दूर से भक्त मनोकामनाएं लेकर पहुंचे हैं.

श्रद्धालुओ की भीड़

श्मशान में महिलाएं बिना किसी संकोच के दर्शन के लिए आ जाती है और किसी तरह का डर भी नहीं होता है.भीलवाड़ा शहर के पंचमुखी मोक्ष धाम में मां श्मशान काली के मंदिर में दिन तो क्या रात में भी श्रद्धालुओ की भीड़ लगी रहती है. यहां पर नवरात्री में अर्द्धरात्री को कईं अनुष्ठान किए जाते है. जिसमें भाग लेने भीलवाड़ा ही नहीं बल्कि कईं जिलो से श्रद्धालु पहुंचते है और पूर्चा अर्चना कर अपनी मनोकामनाएं मांगते है.

मां काली का मंदिर

अर्द्धरात्री में होती है पूजा अर्चना

श्मशान काली मंदिर के पुजारी रवि खटीक कहते है कि पंचमुखी मोक्ष धाम भीलवाड़ा का सबसे पुराना मोक्षधाम है. यहां पर शमशान काली माता की 4 से 5 वर्ष पहले प्राण प्रतिष्ठा की थी. जिन्हे कलकत्ता के कालीगढ़ से यहां पर लाया गया था. यहां की खासियत यह है कि अधिकतर मंदिर में सुबह शाम की पूजा अर्चना होती है मगर यहां पर अर्द्धरात्री में अनुष्ठान किए जाते है. जिसमें महिला, पुरूषो के साथ ही बच्चे भी शिरकत करते है. यहां की मान्यता है कि माता के चढ़े हुए सिंदुर को लगाने से घर में सुख शांति का वास होता है. यह पहला काली माता का ऐसा मंदिर है जो श्मशान में बना हुआ है.

श्मशान काली माता के दर्शन करने आए श्रद्धालु सुमित खंडेलवाल ने कहा कि कईं वर्षों से हम यहां पर आ रहे है और हमारी मनोकामनाओ को माता पूर्ण करती है. नवरात्री में यहां पर कईं कार्यक्रमो का आयोजन किया जाता है. जिसमे रात को रात्री जागरण व सुबह भंडारे को आयोजन होता है. कहते है रात में किसी शमशान में नहीं जाना चाहिए.

मां काली का मंदिर

श्रद्धालु आस्था

मगर यहां तो रात में अगर बच्चा भी आता है तो उसका भय खत्म हो जाता है. मैने यहां पर कईं राज्यो और जिलो से भक्तो को आते देखा है. वहीं टोंक से आयी महिला श्रद्धालु आस्था ने कहा कि हम यहां पर कईं वर्षों से आ रहे है और हमने जो भी मनोकामना की वो पूरी हुई है. इसके कारण मैं अपने पूरे परिवार के साथ हर नवरात्री में यहां दर्शन करने आती हुं.

कोलकाता से लाई गई प्रतिमा

मंदिर के वरिष्ठ पुजारी संतोष कुमार खटीक का कहना है कि काली मां की प्रतिमा कोलकाता के कालीगढ़ से से लाई गई हैं. इसका कुल वजन 500 किलो से अधिक है. मान्यता है की माता रानी का सिंदूर लगाने से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. यह राजस्थान का अनोखा ऐसा मंदिर है. जहां शमशान में काली मां का मंदिर स्थापित है.

 अंधेरे के बीच भक्ति

पवित्र कब्रिस्तान के मध्य में समय, मृत्यु और विनाश की उग्र और पूजनीय देवी माँ काली का अभयारण्य है। यहां, तेल के दीयों की छाया और टिमटिमाती लौ के बीच, भक्त हर आधी रात को दिव्य मां की प्रार्थना और श्रद्धा अर्पित करने के लिए इकट्ठा होते हैं। जैसे-जैसे समय करीब आता है, हवा प्रत्याशा से सघन हो जाती है, और मंदिर मंत्रोच्चार और घंटियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठता है।

मां काली का मंदिर
आध्यात्मिकता

वातावरण आध्यात्मिकता की स्पष्ट भावना से परिपूर्ण है, जो दूर-दूर से तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है जो सर्वशक्तिमान देवता से सांत्वना और आशीर्वाद चाहते हैं। कब्रों के पत्थरों और रात के खामोश प्रहरियों के बीच, भक्त आस्था और भक्ति की एक जीवंत तस्वीर बनाते हैं, उनकी उत्कट प्रार्थनाएँ धूप की तरह स्वर्ग तक उठती हैं।

समर्पित

लौ की हर झिलमिलाहट और ढोल की हर थाप के साथ, भक्त समय और स्थान की सीमाओं को पार करते हुए, खुद को पूरी तरह से दिव्य उपस्थिति के प्रति समर्पित कर देते हैं। इस पवित्र क्षेत्र में, भौतिक और आध्यात्मिक के बीच की बाधाएं धुंधली हो जाती हैं, और भक्त खुद को मां काली के दिव्य आलिंगन में घिरा हुआ पाते हैं।

शक्ति में विश्वास

जैसे-जैसे घंटे ढलते हैं और रात गहरी होती है, भक्ति की तीव्रता और अधिक मजबूत होती जाती है, जो विश्वास की परिवर्तनकारी शक्ति में विश्वास से प्रेरित होती है। यहां, कब्रिस्तान के मध्य में, मृत्यु और क्षय के दायरे के बीच, दिव्य मां के प्रति अटूट भक्ति और शाश्वत प्रेम के रूप में जीवन नए सिरे से खिलता है।

 

Read more for new topics :- https://jobnewupdates.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *