शंख की पूजा
शंख की पूजा : हिंदू धर्म में शंख को शुभ माना जाता है, शंख की ध्वनि नकारात्मकता से बचाती है तो वहीं कई ग्रहों के दोष को भी दूर करती है. इसकी ध्वनि से स्मरण शक्ति में वृद्धि होती है तो वहीं पारिवारिक क्लेश भी दूर होते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शंख को हम दिन के हिसाब से उपयोग में लाते हैं तो हमें इसका ज्यादा शुभ असर देखने को मिलता हैं. शास्त्रों के अनुसार शंख की उत्पत्ति समुद्र से हुई है और शंख को मां लक्ष्मी का भाई माना जाता है, इसलिए इसके खास उपाय से धन का आगमन भी होता हैं. आइए जानते हैं
पहला दिन: पवित्रता का एहसास
सप्ताह का पहला दिन शंख विधान के साथ ध्यान धारण करें। यह आपको आत्मशुद्धि और शांति का अनुभव प्राप्त कराता है। पहले दिन, शंख बजाने से बुराईयों से मुक्ति मिलती है और नकारात्मक ऊर्जा का संतुलन होता है। अगर आपका मन बहुत विचलित होता है तो आपको सोमवार के दिन शंख में दूध भरकर चंद्रमा को अर्घ्य देना चाहिए. इससे चंद्रमा मजबूत होता है और मन शांत होता है.
दूसरा दिन: शांति की प्राप्ति
शंख की ध्वनि को सुनकर ध्यान से मन की शांति मिलती है। यह दिन अपने आसपास के संग्रहणकर्ताओं को त्यागने के लिए समर्पित करें।दूसरे दिन, शंख को जल से पूजन करने से धन की प्राप्ति होती है और आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।मंगलवार को भगवान हनुमान और मंगल ग्रह का दिन माना जाता है. इस दिन सूर्योदय से पहले शंख बजाने से मंगल ग्रह मजबूत होता है, साहस और पराक्रम में वृद्धि होती है.
तीसरा दिन: दैनिक उत्साह
शंख की ध्वनि को सुनने से उत्साह और संजीवनी शक्तियाँ मिलती हैं। इस दिन अपने काम में उत्साह और संजीवनी शक्ति लाने का प्रयास करें। तीसरे दिन, शंख के ध्वनि से जीवन में नई ऊर्जा और उत्साह आता है, जिससे कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। बुधवार का दिन भगवान गणेश का होता है और यह दिन बुध ग्रह का दिन भी माना जाता है. बुध ग्रह बुद्धि का कारक होता है, इसलिए इस दिन अगर आप शंख में गंगाजल भरकर भगवान गणेश को अर्घ्य देते हैं तो इससे बुद्धि और वाणी में वृद्धि होती है.
चौथा दिन: उत्सव की भावना
शंख की ध्वनि ध्वनि से आनंद और उत्सव की भावना में वृद्धि होती है। इस दिन आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ जश्न मनाएं। चौथे दिन, शंख की पूजा से मन की शांति मिलती है और तनाव मुक्ति होती है, जो स्वास्थ्य को सुदृढ़ बनाती है। बात करें गुरुवार की तो भगवान विष्णु और बृहस्पति देव को खुश करने के लिए पूजा–पाठ करते समय केसर और चंदन मिलाकर शंख में जल भरकर भगवान विष्णु को अर्घ्य देते हैं तो गुरु ग्रह बलवान होता है, ज्ञान और समृद्धि में वृद्धि होती है. इसके अलावा भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है.
पांचवा दिन: भगवान का ध्यान
शंख की ध्वनि को सुनकर आप भगवान के साथ अपना रिश्ता मजबूत कर सकते हैं। इस दिन भगवान का ध्यान रखें और उनसे अपनी मनमर्जियां मांगें। पाँचवे दिन, शंख की ध्वनि से आत्मविश्वास और संयम बढ़ता है, जिससे संबंधों में सुधार होता है। शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी को समर्पित किया गया है और यह दिन शुक्र ग्रह का दिन भी माना जाता है. इस दिन शंख में गोपी चंदन और इत्र मिलाकर जल भरकर मां लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए. इससे शुक्र ग्रह मजबूत होता है, धन, वैभव और सुख-सुविधाओं में वृद्धि होती है.
छठा दिन: स्वास्थ्य और समृद्धि
शंख की ध्वनि से आपका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य मजबूत होता है। इस दिन अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें और अपने काम में समृद्धि प्राप्त करें। छठे दिन, शंख के साथ स्पष्ट मन के साथ प्राणायाम करने से मनोवैज्ञानिक स्थिति में सुधार होता है और ध्यान की समर्थना मिलती है। शनि देव को शनिवार का दिन समर्पित किया गया है. इस दिन अगर हम शनि मंदिर जाकर शनिदेव की छाया में बैठकर शंख बजाते हैं तो कुण्डली में शनि का दुष्प्रभाव शांत होता है और कष्टों से मुक्ति मिलती है.
सातवां दिन: आशीर्वाद काआवत
शंख की ध्वनि से आपको आशीर्वाद मिलता है। इस दिन अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए संकल्प और भगवान का आभास महसूस करें। सप्ताह के सातों दिन, शंख से जुड़े 7 उपाय करने से न केवल नवग्रहों को मजबूती मिलती है, बल्कि सुख-समृद्धि में भी बढ़ोत्तरी होती है।
ऊर्जा को शुद्धि
सातवें दिन, शंख के ध्वनि से आत्मा की ऊर्जा को शुद्धि मिलती है और आध्यात्मिक विकास होता है, जिससे जीवन में सार्थकता महसूस होती है। इस प्रकार, सप्ताह के सात दिनों में शंख से जुड़े उपायों का पालन करने से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन और सुख-समृद्धि की बढ़ोत्तरी होती है। रविवार का दिन सूर्य देव का होता है. इस दिन सूर्योदय से पहले शंख बजाने से सूर्य ग्रह मजबूत होता है और मान-सम्मान में वृद्धि होती है.
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