सूर्य की तापिश
सबसे ज्यादा गर्मी पड़ती है
भगवान सूर्य की होती है पूजा
नौतपा में भगवान सूर्य की पूजा-आराधना करने का विधान है. कहा जाता है इस दौरान सूर्य अपनी प्रचंड मुद्रा में रहते हैं, इसलिए इस दौरान सभी को सूर्य की आराधना करनी चाहिए. ऐसा करने से परिवार के सभी लोग भीषण गर्मी में भी स्वस्थ रहते हैं. साथ ही सूर्य की पूजा से जुड़े कुछ उपाय करने से जीवन में सुख-समृद्धि बढ़ती है. इस दौरान जल, दही, दूध, नारियल पानी और ठंडे पदार्थों का सेवन करना चाहिए. साथ ही इन वस्तुओं का दान भी देना चाहिए.
भयानक गर्मी
धरती पर नए अनुसंधान के अनुसार, आगामी साल भगवान सूर्य उत्तरी गोलार्ध में अपने ताप को और अधिक बढ़ाएंगे। इस भयानक गर्मी के दौरान, धरती के कई हिस्सों में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच सकता है। इससे नौसेना और जलवायु बदलाव के बीच सीमांत तनाव उत्पन्न हो सकता है।
समुद्रों में उठेगा तेज तूफानों का खतरा कृषि में बढ़ेगा उतार-चढ़ाव
गर्मी के कारण समुद्री सतहों का तापमान बढ़ेगा, जिससे तूफानों का खतरा बढ़ेगा। उच्च तापमान और तेज हवाओं के कारण उत्तरी हेमिस्फियर में तूफानों की तीव्रता और संख्या में वृद्धि हो सकती है। भविष्य की तापमान की वृद्धि से कृषि क्षेत्र में उतार-चढ़ाव बढ़ सकता है। उत्तरी क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन के कारण सिंचाई की समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं।
वन्यजीवों के लिए संकट
गर्मी के साथ होने वाले जलवायु परिवर्तन के कारण वन्यजीवों के लिए भी संकट बढ़ सकता है। उच्च तापमान और अतिरिक्त गर्मी के कारण जंगलों में पानी की कमी हो सकती है जिससे वन्यजीवों के लिए पोषण की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
गर्मी से बचाव: सुरक्षित रहें, समय पर इलाज कराएं
इस भयानक गर्मी से बचने के लिए जलवायु संबंधी सावधानियों का पालन करना महत्वपूर्ण होगा। लोगों को धूप से बचने के लिए अपने घरों को ठंडा रखने और पानी की अधिक मात्रा में सेवन करने की सलाह दी जा रही है। साथ ही, किसी भी आपत्तिजनक संकेत की समय पर चिकित्सा सहायता लेना अत्यंत महत्वपूर्ण होगा।
भविष्य की योजना: जलवायु परिवर्तन के खिलाफ संघर्ष
इस संकट को संभालने के लिए विशेषज्ञों की सलाह पर आधारित योजनाएं बनाई जा रही हैं। सरकारों को जलवायु परिवर्तन को रोकने और इसका सामना करने के लिए कठोर कदम उठाने की जरूरत है, ताकि हम भविष्य में ऐसे संकटों से निपट सकें।
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