सूर्य नारायण मंदिर:अध्यात्म के साथ सुकून की तलाश,अद्भुत है पटना का सूर्य नारायण मंदिर

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सूर्य नारायण मंदिर

सूर्य नारायण मंदिर:पटना बिहार सूर्य उपासक राज्य है. यहां सूर्य की आराधना का पर्व छठ और उसके महत्व को सब जानते हैं. पटना में एक सूर्य मंदिर भी है जो बहुत प्रसिद्ध है. सूर्य के मंदिर देश में गिने चुने ही हैं. पटना का ये मंदिर भक्ति और सुंदर नजारे के लिए प्रसिद्ध हैप्रत्यक्ष देवता के रूप में भगवान भास्कर हिंदू धर्म में युगों- युगों से पूजे जाते रहे हैं. ऐसी मान्यता है सूर्य की पूजा-अर्चना से ना सिर्फ लोगों के रोग और दुख दूर होते हैं बल्कि इससे सुख-समृद्धि, यश, धन और वैभव भी बढ़ता है. पटना में सूर्य देव का मंदिर है. यहां मिट्टी की प्रतिमा पूजी जाती है. ये मंदिर इतना सुंदर है कि लोग इसे देखने दूर दूर से आते हैं.

मिट्टी के सूर्य की पूजा

पटना के इस भास्कर मंदिर की बड़ी मान्यता है. गर्दानीबाग सूर्य नारायण मंदिर के प्रधान पुजारी 71 वर्षीय दयानंद पांडेय बताते हैं- सूर्य देव की ऐसी भव्य और सुंदर मूर्ति आपको कहीं और देखने नहीं मिलेगी. वो बताते हैं वे विगत 40 वर्षों से इस मंदिर में पूजा-अर्चना करते आ रहे हैं. पहले यहां सूर्य देव की मिट्टी की प्रतिमा की पूजा की जाती थी. फिर 2015 में सात अश्वों वाले रथ और उस पर सवार सूर्य देव के भव्य विग्रह की यहां प्राण-प्रतिष्ठा की गई. उनकी मानें तो इस मंदिर की सुंदरता देखने सिर्फ पटना ही नहीं बल्कि अन्य जिलों से भी लोग पहुंचते हैं.

सूर्य नारायण मंदिर

 

भक्ति और प्रकृति का अद्भुत नजारा

भव्य मंदिर के साथ ही यहां तालाब के चारों ओर कई पेड़ भी हैं. इससे प्रचंड गर्मी में भी यहां ठंडी हवा का लुफ्त लिया जा सकता है. सूर्य मंदिर के प्रधान पुजारी बताते हैं मंदिर के निकट कच्ची तालाब के नाम से प्रसिद्ध ये तालाब अब पूरी तरह पक्का हो चुका है. शाम के समय यहां का नजारा देखते ही बनता है. तालाब के बीच में वॉटर फाउंटेन सुंदरता में चार चांद लगा देता है. पुजारी दयानंद पांडेय आगे बताते हैं दिनभर पानी में अठखेलियां करती बत्तखों को देखने से भी अभूतपूर्व आनंद प्राप्त होता है.

सैकड़ों की संख्या

यही कारण है कि यहां सुबह-शाम सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंचते हैं. तालाब के किनारे बनी सीढ़ियों पर ठंडी हवा के हिलोरों के बीच अपना समय गुजारते हैं.पटना, बिहार की धरती पर स्थित अनेक पवित्र स्थलों में से एक है भगवान सूर्य नारायण मंदिर। यहाँ का वातावरण अध्यात्म और शांति की खोज में आने वाले लोगों के लिए एक स्वर्ग समान है। मंदिर के विचारशील और शांतिप्रिय माहौल ने इसे एक आध्यात्मिक अखंडता का केंद्र बना दिया है।

सूर्य नारायण मंदिर

भक्ति के साथ भव्य नजारा

इस मंदिर की विशेषता उसके आलंबित होने वाले वास्तुशिल्प और सुंदर स्थापत्य हैं। यहाँ के मूर्तियाँ और मंदिर का निर्माण इसके भव्यता को अद्वितीय बनाते हैं। सूर्य नारायण मंदिर की संरचना और उसका शैली यहाँ के परंपरागत और आध्यात्मिक वातावरण को दर्शाते हैं।यहाँ आने वाले भक्तों के हृदय में शांति और आनंद की भावना होती है। मंदिर के चारों ओर फैली शांति का वातावरण भक्तों को अपने को भगवान के समीप महसूस करने की अनूठी अनुभूति प्रदान करता है।

ध्यान और पूजा का स्थल संगीत और कविता की महक

यहाँ पर आने वाले लोग ध्यान और पूजा करने के लिए समर्पित होते हैं। इस मंदिर के अंदर चिर समाधान की भावना होती है और वहाँ के वातावरण ने ध्यान को और भव्य बना दिया है।मंदिर के अंदर अक्सर संगीत और कविता की महक फैली रहती है। ध्यान के दौरान यह आवाजें भगवान की भक्ति में लगे भक्तों को और निकट ले जाती हैं।

सूर्य नारायण मंदिर

धार्मिक एवं आध्यात्मिक पर्यटन का केंद्र

पटना का सूर्य नारायण मंदिर धार्मिक एवं आध्यात्मिक पर्यटन का महत्वपूर्ण केंद्र है। यहाँ का विश्वास और श्रद्धा लोगों को इस मंदिर के प्रति आकर्षित करता है और उन्हें अपनी आत्मा को प्रसन्न करने का एक शांतिप्रिय स्थान प्रदान करता है।

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