हनुमान जयंती: पूजा का महत्व, काम में मिलेगी सफलता!

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हनुमान जयंती

हनुमान जयंती:हमारे सनातन धर्म में सभी तीज, त्यौहार व व्रत बेहद खास माने जाते हैं. वहीं हिंदू धर्म में भगवान  की पूजा का भी बड़ा विशेष महत्व है. उन्हें भगवान शिव के 11 वें अवतार के रूप में पूजा जाता है. देशभर में हनुमान जन्मोत्सव को बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है, जिसे हनुमान जयंती का नाम दिया गया है. इस दिन संकटमोचन की विधिवत पूजा अर्चना की जाती है. वहीं इस वर्ष हनुमान जयंती पर विशेष संयोग बन रहा है. जिसमें अगर विधि पूर्वक हनुमान जी की पूजा की जाएं और हनुमान चालीसा का पाठ किया जाए तो मनुष्य के जीवन से दरिद्रता दूर हो सकती है.

कब मनाई जाएगी हनुमान जयंती

उत्तराखंड में स्थित ऋषिकेश के रहने वाले पुजारी शुभम तिवारी ने बताया कि हर साल हनुमान जयंती राम नवमी के ठीक 6 दिन बाद मनाई जाती है. हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार हनुमान जयंती 23 अप्रैल 2024 को मनाई जाएगी. चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का आरंभ 23 अप्रैल को सुबह 3 बजकर 25 मिनट से हो जाएगा और समापन 24 अप्रैल को सुबह 5 बजकर 18 मिनट पर होगा. वहीं मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित है और इस साल हनुमान जयंती का पर्व भी मंगवार के दिन ही पड़ रहा है. ऐसे में हनुमान जयंती और मंगलवार के शुभ संयोग में पूजा-अर्चना करने से कई गुना अधिक शुभ फलों की प्राप्ति होगी और मनुष्य के जीवन से दरिद्रता दूर होगी.

हनुमान जयंती

 

भक्तों के सभी संकट दूर

पुजारी शुभम ने बताया कि हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी की पूजा करने से भक्तों के सभी संकट दूर हो जाते हैं. इस दिन प्रातः स्नान के बाद बजरंगबली को सिंदूर, चमेली का तेल और बेसन के लड्डू चढ़ाएं. जिसके बाद उनकी विधि विधान से पूजा करें और हनुमान चालीसा का पाठ करें. इनकी पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 23 अप्रैल को सुबह 9 बजकर 3 मिनट से 10 बजकर 41 मिनट तक है. इस बीच जो कोई भी हनुमान जी की विधि पूर्वक पूजा करेगा और हनुमान चालीसा का पाठ करेगा उसके जीवन से सभी संकट और साथ ही दरिद्रता दूर हो जाएगी

महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार

हनुमान जयंती एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो हनुमान जी की जन्मदिन को मनाता है। यह पर्व हनुमान जी के बल, वीरता, और शक्ति को समर्पित है और उनके प्रेम और आदर का प्रकटीकरण करता है। यह पूजा ध्यान, भक्ति, और समर्पण की भावना के साथ की जाती है जो जीवन को सफलता और सुख की दिशा में प्रेरित करती है।

हनुमान जयंती

 

पूजा की विधि

हनुमान जयंती पर पूजा को एक विशेष तरीके से किया जाता है। इस दिन, भक्तों की संख्या बड़ी होती है और मंदिरों में भजन, कीर्तन, और आरती की ध्वनि बाजती है। लोग हनुमान जी के मंत्रों का जाप करते हैं और उनकी कृपा का आशीर्वाद मांगते हैं। विशेष रूप से भोग, फल, पुष्प, और प्रसाद को चढ़ाया जाता है।

पूजा के लाभ ध्यान और समर्पण

हनुमान जयंती पर पूजा करने से दरिद्रता का अंत होता है और सभी कार्यों में सफलता मिलती है। हनुमान जी ने भक्तों को साहस, धैर्य, और विजय की प्रेरणा दी है, जो उनके पूजन से हमें प्राप्त होती है। उनके आशीर्वाद से जीवन में सभी बाधाएं दूर होती हैं और सुख-शांति की प्राप्ति होती है।हनुमान जयंती पर पूजा करते समय, ध्यान और समर्पण की भावना बनी रहनी चाहिए। हनुमान जी को अपने मन में स्थान देने के लिए भक्ति और प्रेम के साथ पूजन किया जाना चाहिए। यह हमें उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने में मदद करेगा।

हनुमान जयंती

 

सेवा और संयम निष्काम कर्म

हनुमान जयंती पर, सेवा और संयम की भावना को महत्व दिया जाता है। हमें अपने जीवन में सेवा का भाव लाना चाहिए और अपने इंद्रियों को संयमित रखना चाहिए। यह हमें  प्रेरणा का अभिवादन करने में मदद करेगा।हनुमान जयंती पर पूजा करने के बाद, हमें निष्काम कर्म की भावना को अपनाना चाहिए। हमें अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए और भगवान के नाम में सेवा करना चाहिए। यह हमें जीवन में नेकी और पुण्य के माध्यम से आगे बढ़ने में मदद करेगा।इस तरह, पूजा करने से हमें आत्मविश्वास, सफलता, और सुख की प्राप्ति होती है, जो हमें जीवन में आनंद और शांति की दिशा में ले जाती है।

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