हनुमान जी का मंदिर: 300 साल पुराना हनुमान जी का यह मंदिर बड़ा चमत्कारी है

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हनुमान जी का मंदिर

हनुमान जी का मंदिर: उत्तराखंड के ऋषिकेश में कई सारे प्राचीन मंदिर स्थापित हैं. यहां स्थापित हर मंदिर का अपना रोचक इतिहास व महत्व है. हर साल लाखों की संख्या में लोग यहां मंदिरों के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. वहीं आने वाली 23 अप्रैल को हमुमान जयंती का पर्व मनाया जाएगा. हम आपको ऋषिकेश में स्थित भगवान हनुमान के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो भगवान हनुमान के चमत्कारी सिद्ध पीठों में से एक माना जाता है. इस मंदिर का नाम है मनोकामना सिद्ध हनुमत पीठ मंदिर.

 सिद्ध हनुमत पीठ मंदिर

लोकल 18 के साथ बातचीत में इस मंदिर के आचार्य शत्रुघन शरण ने बताया कि मनोकामना सिद्ध हनुमान पीठ मंदिर ऋषिकेश में काफी प्रसिद्ध और मान्यता प्राप्त है. ये मंदिर ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट रोड मायाकुंड में विराजमान है. इस मंदिर की गिनती ऋषिकेश के अति प्राचीन मंदिरों में भी की जाती है. वहीं ऋषिकेश में स्थित इस मंदिर से जुड़ी एक कथा भी काफी प्रचलित है. माना जाता है कि यहां भगवान हनुमान स्वयं चल कर आए थे.

हनुमान जी का मंदिर

 

ऋषिकेश का 300 साल पुराना मंदिर

आचार्य शत्रुघन ने बताया कि महंत श्री रामदास जी महाराज को 300 वर्ष पहले स्वप्न में भगवान हनुमान के दर्शन हुए और उन्हें स्वप्न में भगवान हनुमान ने त्रिवेणी घाट में जाने का आदेश दिया. आदेश अनुसार वे महंत श्री रणछोड़ दास जी महाराज के साथ गंगा किनारे गए और भगवान हनुमान को ढूंढने लगे. ढूंढते समय उन्हें भगवान हनुमान की अति प्राचीन मूर्ति मिली. वे दोनों महात्मा भगवान हनुमान को साथ लेकर वापस त्रिवेणी संगम पहुंचे और तब से हनुमान की मूर्ति रूप में यहां स्थापित है. यह मंदिर ऋषिकेश के प्राचीन मंदिरों में एक महत्वपूर्ण स्थान है और लोग यहां हर मंगलवार यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं. अगर आप ऋषिकेश घूमने आए हैं या फिर आने की सोच रहे हैं, तो इस मंदिर के दर्शन जरूर करें.

भक्ति की ऊर्जा का परिणाम

विश्वास की गहराई और भक्ति की ऊर्जा का परिणाम है भारतीय साहित्य और ऐतिहासिक परंपराओं में हनुमान जी का महत्वपूर्ण स्थान। भारत के हर कोने में हनुमान जी के मंदिर हैं, लेकिन उनमें से एक अत्यंत विशेष है, जो कि 300 साल पहले बना था। यह मंदिर एक चमत्कार का प्रतीक है, क्योंकि यहां अनेक ऐसे घटनाएँ हुई हैं, जो भक्तों को अचम्भित कर देती हैं।

हनुमान जी का मंदिर

 

साक्षात्कार की मान्यता

इस मंदिर की खासियत यहाँ हनुमान जी के साक्षात्कार की मान्यता है। धार्मिक ग्रंथों में माना जाता है कि हनुमान जी यहाँ खुद चलकर आए थे, जो कि अत्यधिक चमत्कारी है। भक्तों का कहना है कि वे यहाँ प्रार्थना करने के बाद अपने मनोवांछित फल प्राप्त करते हैं।मंदिर के चारों ओर धार्मिक और आध्यात्मिक वातावरण है। यहाँ आने वाले भक्त अपनी मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए हनुमान जी की आराधना करते हैं।ध्यान और मेधा की शक्ति में वृद्धि के लिए भी यहाँ भक्तिमय भाव से अवलोकन किया जाता है।

यहाँ आने वाले भक्तों की कथाएँ

यहाँ की महिमा को समझने के लिए, बहुत से लोग हर साल यहाँ आते हैं। यहाँ आने वाले भक्तों की कथाएँ और उनके अनुभव भी मंदिर की महत्वपूर्णता को दर्शाते हैं।हनुमान जी के इस मंदिर का इतना महत्त्व है कि यहाँ के प्रतिध्वनिय वातावरण में ध्यान करने से हम अपने जीवन में सकारात्मक परिणाम प्राप्त कर सकते हैं। यहाँ की चमत्कारी शक्तियों का अनुभव करके हम अपने आसपास की सत्यता को समझते हैं और अपने जीवन में धार्मिकता और सामर्थ्य को और भी बढ़ावा देते हैं।

 

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