हनुमान जी का स्वयंभू पीठ: भक्तों का आदर्श स्थल

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हनुमान जी का स्वयंभू पीठ

हनुमान जी का स्वयंभू पीठ: मऊ नगर के पावर हाउस स्थित राम जानकी मंदिर आस्था के लिए जाना जाता है. यहां पर श्री राम जानकी के साथ-साथ हनुमान जी की पूजा होती है. मंगलवार और शनिवार को श्रद्धालुओं का जमावड़ा होता है. वहीं मान्यता यह है कि इस मंदिर में जो भी सच्चे मन से गुहार लगाता है, उसकी मनोकामनाएं जरूर पूरी होती है. मंदिर के मुख्य पुजारी गोलू महाराज बताते हैं कि यह मंदिर मऊ नगर के अति प्राचीन मंदिरों में से एक है.

सबसे प्राचीनतम मूर्ति हनुमान जी का विग्रह

यह मंदिर 50 साल पुराना है.इस मंदिर में सबसे प्राचीनतम मूर्ति हनुमान जी का विग्रह है. इस मंदिर के हनुमान से स्वयंभू पीठ हैं जो खुदाई के समय यहां पर हनुमान जी की मूर्ति मिली थी. मूर्ति को मंदिर में स्थापित किया गया तब से यह मंदिर प्रमुख रूप से आस्था का केन्द्र है. हनुमान मंदिर परिसर में राम दरबार, राधा कृष्ण दरबार,माता का दरबार और महादेव का दरबार है. अब इस मंदिर को 50 साल हो गया है. इस मंदिर से जिला के लोगों की आस्था जुड़ी हुई है.

हनुमान जी का स्वयंभू पीठ

 

मंगलवार और शनिवार को उमड़ती है श्रद्धालुओं की भीड़

मंदिर के पुजारी गोलू महाराज बताते हैं कि मंगल और शनिवार को यहां श्रद्धालुओं को खूब भीड़ उमड़ती है. साथ ही यहां मंगलिक कार्य भी लोग करते हैं. आसपास के जिले से भी लोग आकर दर्शन पूजन करते हैं. इस मंदिर के हनुमान जी सबके इच्छा को पूरा करते हैं. जिससे आस्था के साथ लोग दर्शन करने आते हैं. पुजारी बातें हैं कि पीढ़ी दर पीढ़ी चलता आ रहा है. हमारे परदादा थे दादा थे फिर मेरे पिता जी इस समय मैं इस मंदिर का देखरेख करते हैं.

मंदिर परिसर में स्थित है कई साल पुराना पीपल वृक्ष

यह पीपल का वृक्ष मंदिर से भी पुराना है. शनिवार को लोग दीप जलाकर पूजा करते हैं. भगवान हनुमान के उपासकों के लिए एक अद्वितीय स्थान, हनुमान जी का स्वयंभू पीठ, साधकों के मनोबल को बढ़ाता है। यहां की वातावरण में एक अलग ही शक्ति और शांति का अनुभव होता है। श्रद्धालुओं की भीड़ इस स्थान को और भी पवित्र बनाती है।

हनुमान जी का स्वयंभू पीठ

 

ध्यान और आध्यात्मिकता का केंद्र मनोकामना

हनुमान जी का स्वयंभू पीठ एक ध्यान और आध्यात्मिकता का केंद्र है। यहां आने वाले लोग अपने आत्मा के साथ एकाग्र होते हैं और अपने चिंतन में खो जाते हैं। हनुमान जी का स्वयंभू पीठ वहाँ के भक्तों को नहीं सिर्फ आध्यात्मिकता का अनुभव ही देता है, बल्कि यहां हर मनोकामना होती है पूरी। भक्तों के मन में जो भी इच्छाएं होती हैं, वे यहां आकर उन्हें प्राप्त करते हैं।

श्रद्धा और भक्ति का महत्व

इस पवित्र स्थान पर श्रद्धा और भक्ति का महत्व अत्यंत उच्च होता है। यहां के भक्त हनुमान जी के प्रति अपनी विशेष भावनाओं को व्यक्त करते हैं और उनके सामने अपने मन की बातें रखते हैं।

हनुमान जी का स्वयंभू पीठ

 

धर्म का आधार

हनुमान जी का स्वयंभू पीठ धर्म का एक महत्वपूर्ण आधार है। यहां के भक्त अपने धार्मिक और आध्यात्मिक अभिप्रायों को व्यक्त करते हैं और अपने जीवन को धार्मिकता के मार्ग पर चलाते हैं।

संगठन और सेवा का उदाहरण

यहां के संगठन और सेवा के उदाहरण समाज के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। इस पीठ के प्रबंधक और सेवक निरंतर भक्तों की सेवा में लगे रहते हैं, जिससे यहां के भक्तों का आत्मिक और भौतिक उत्थान हो।

 

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