Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि में जरूर करें उज्जैन की प्रसिद्ध माता के दर्शन,  

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Chaitra Navratri 2024:

Chaitra Navratri 2024:विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल की नगरी में कई ऐसे देवी मंदिर है. जिनकी चर्चा पूरे भारत में नजर आती है. धार्मिक नगरी उज्जैन में शिव के साथ यहा शक्ति भी विराजमान है. कुछ मंदिर ऐसे भी है  जिनको तंत्र किया के लिए विशेष बताया गया है. धार्मिक नगरी उज्जैन को महाकाल की नगरी के नाम से भी जाना जाता है. यहा प्रतिदिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु का आगमन लगा रहता है. यहां शिव के साथ अलग-अलग रूपों में शक्ति भी विराजमान है.

यह मंदिर भेरावगढ मे स्थित है

देवियों में तंत्र साधना के लिए कालिका को सबसे महत्वपूर्ण माना गया है. गढ़कालिका के मंदिर में मां कालिका के दर्शन के लिए रोज हजारों भक्त आते हैं. नवरात्रि में गढ़कालिका देवी के दर्शन मात्र से ही अपार सफलता मिलती है. यह मंदिर भेरावगढ मे स्थित है.मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में स्थित हरसिद्धि देवी का मंदिर देश की शक्तिपीठों में से एक है. यह वह देवी हैं जो राजा विक्रमादित्य की आराध्य है. यह मंदिर तंत्र साधको के लिए भी विशेष बताया गया है.

Chaitra Navratri 2024:

विश्वविद्यालय

यहां मंदिर 64 योगिनी माता मंदिर के नाम से विख्यात है. ऐसा भी बताते हैं दूर-दूर से यहां तांत्रिक अपनी सिद्धि को जागृत करने आते हैं. इसलिए इस मंदिर को तांत्रिकों का विश्वविद्यालय भी बताया गया है.यहां मंदिर 64 योगिनी माता मंदिर के नाम से विख्यात है. ऐसा भी बताते हैं दूर-दूर से यहां तांत्रिक अपनी सिद्धि को जागृत करने आते हैं. इसलिए इस मंदिर को तांत्रिकों का विश्वविद्यालय भी बताया गया है.

 आध्यात्मिक श्रद्धा का समय

चैत्र नवरात्रि, देवी दुर्गा की पूजा के लिए समर्पित नौ दिवसीय त्योहार, हिंदू संस्कृति में बहुत महत्व रखता है। जीवंत उत्सवों और धार्मिक उत्साह के बीच, कोई भी प्रसिद्ध मां शक्तिपीठ के निवास स्थान, उज्जैन की आध्यात्मिक तीर्थयात्रा को नजरअंदाज नहीं कर सकता है।

माँ शक्तिपीठ की पौराणिक कथा:

किंवदंती है कि भगवान शिव और राक्षस महिषासुर के बीच एक लौकिक युद्ध के दौरान, देवी पार्वती दुर्गा के रूप में प्रकट हुईं और राक्षस का विनाश किया। ऐसा माना जाता है कि पार्वती का एक अंग यहां उज्जैन में गिरा था, जिससे प्रतिष्ठित मां शक्तिपीठ का निर्माण हुआ।

Chaitra Navratri 2024

 

आध्यात्मिक शांति को अपनाना:

चैत्र नवरात्रि के दौरान, दूर-दूर से भक्त मां शक्तिपीठ का आशीर्वाद लेने के लिए उज्जैन के मंदिरों में आते हैं। हवा भजनों, प्रार्थनाओं और धूप की सुगंध से भर जाती है, जिससे दिव्य शांति का वातावरण बनता है।

उज्जैन की तीर्थयात्रा:

चैत्र नवरात्रि के दौरान उज्जैन की यात्रा पर निकलना केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं है, बल्कि एक आत्मा-विभोर करने वाला अनुभव है। रंग-बिरंगी सजावटों से सजी हलचल भरी सड़कों के बीच, भक्तों को मंदिरों की दिव्य आभा में सांत्वना मिलती है।

पवित्र अनुष्ठानों का साक्षी बनना:

उज्जैन में चैत्र नवरात्रि के दौरान किए जाने वाले अनुष्ठान मनोरम और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध होते हैं। विस्तृत आरती से लेकर लयबद्ध मंत्रोच्चार तक, हर पल देवी के प्रति भक्ति और श्रद्धा का प्रमाण है।

मनमोहक दृश्य:

उज्जैन में चैत्र नवरात्रि के दृश्य और ध्वनियाँ इंद्रियों के लिए एक दावत हैं। जीवंत जुलूस, देवी की सजी हुई मूर्तियाँ और भक्तों की उत्कट भक्ति आस्था और आध्यात्मिकता की एक मंत्रमुग्ध कर देने वाली तस्वीर पेश करती है।

नवीनीकरण का समय:

उज्जैन में चैत्र नवरात्रि न केवल पूजा का अवसर प्रदान करती है बल्कि आत्मनिरीक्षण और किसी की आध्यात्मिक यात्रा के नवीनीकरण का भी अवसर प्रदान करती है। चूंकि यह त्योहार भगवान राम की जयंती राम नवमी के साथ समाप्त होता है, यह बुराई पर अच्छाई की जीत और धार्मिकता की जीत का प्रतीक है।

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