पूजा करते सवार हो गई देवी: फिर महिला ने किया वो काम जो कोई नहीं करता,

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पूजा करते सवार हो गई देवी:

पूजा करते सवार हो गई देवी: नवरात्रि में मां के भक्त जो न करें वो कम है. इस पर्व में पूरा मध्य प्रदेश आस्था, विश्वास और भाव में डूबा हुआ है. इस बीच कई जगह से अंधविश्वास की खबरें भी आ रही हैं. आम इंसान इन्हें भले ही अंधविश्वास कहे, लेकिन भक्त इसे भक्ति की चरम सीमा बताते हैं. ऐसा ही एक मामला जबलपुर से सामने आया है. इसे सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे

आस्था पर अंधविश्वास

दरअसल, यहां आस्था पर अंधविश्वास भारी पड़ता हुई दिखाई दे रहा है. यहां एक महिला ने पूजा करते-करते अपनी जीभ देवी को चढ़ा दी. उन्होंने इस घटना घर में ही बने 9 देवियों के मंदिर में अंजाम दिया. जब घरवालों ने नजारा देखा तो उनकी काटो तो खून नहीं जैसी स्थिति हो गई. घरवालों ने उन्हें अस्पताल चलने को कहा,लेकिन वे मानी नहीं. महिला का नाम कुसुम बाई चौधरी है.

 नवरात्रि में मां के

देवी सवार हो गईं

महिला का बहू प्रभा चौधरी ने बताया कि मां पूजा कर रही थीं. इस दौरान उन पर देवी सवार हो गईं. उसके बाद मां ने अपनी जीभ काट ली. जब मैंने आकर देखा तो मां के मुंह से खून निकल रहा था. उनकी जीभ पान के पत्ते में रखी थी. इसके बाद मैंने देवर और बाक घरवालों को बुलवा लिया. इसके बाद आस-पड़ोस की सब महिलाओं को बुला लिया.

माता रानी से प्रार्थना

प्रभा ने बताया कि अब सब यहां पूजा कर रहे हैं. हमें इस बात इंतजार है कि देवी कब तक जीभ देती हैं. माता रानी ने इशारा किया है कि तनाव न लें, जीभ आ जाएगी. उन्होंने इसका समय नहीं बताया है. दो पंडित भी आए थे. उन्होंने मामला देखा और चले गए. ये घटना सुबह करीब सवा ग्यारह बजे हुई है. हम सब माता रानी से प्रार्थना कर रहे हैं.

 नवरात्रि में मां के

प्रथम शारदा

महिला के बेटे राजा चौधरी ने बताया कि हमारे घर में 9 देवियों का मंदिर है. इनमें प्रथम शारदा देवी हैं. हमारी मां ने पूजा-पूजा करते जीभ चढ़ा दी. उन्होंने घरवालों को इसकी जानकारी नहीं दी थी. चूंकि, आज नवरात्रि का तीसरा दिन है, तो घर में पूजा-पाठ चल ही रहा था. जिस वक्त घटना हुई उस वक्त मैं काम पर गया था.

माता रानी की कृपा

राजा ने बताया कि मां ने ब्लेड से काटकर जीभ चढ़ाई है. मेरी बड़ी भाभी ने जब ये नजारा देखा तो उन्होंने मुझे कॉल किया. मैं काम छोड़कर तुरंत घर लौटा तो देखा कि मां जमीन पर हैं और देवी के पास जीभ रखी हुई है. हमारे पहचान के पंडित जब घर आए तो उन्होंने देखा और कहा कि अभी मां को कुछ मत करो. जैसा है वैसा रहने दो. उन्होंने कहा कि माता रानी की कृपा से सब सही हो जाएगा.

अनोखी ऊर्जा

पूजा करते-करते सवार हो गई देवी। उनकी आंखों में एक अनोखी ऊर्जा थी, जो उन्हें अपने काम में पूरी शक्ति देती थी। वे महिला ने वह काम किया जो कोई नहीं करता। वे उस समाज की शिक्षा और सांस्कृतिक मान्यताओं को चुनौती देती थीं, और अपनी स्वतंत्रता को साकार करती थीं।उसने अपने काम को समर्पित किया और उसे स्वीकार किया जैसा कि वह है। उसकी मेहनत और समर्पण को देखते ही, लोगों में आश्चर्य और सम्मान उजागर होता था।

 नवरात्रि में मां के

अद्वितीय और प्रेरणादायक

उसका काम लोगों को आदर्श और प्रेरणा देता था। वह एक साथी की भूमिका नहीं बल्कि एक नेता की भूमिका निभाती थी, जो लोगों को एकसाथ लेकर चलती थी।उसकी फोटोग्राफियाँ एक कहानी सुनाती थीं, जो अद्वितीय और प्रेरणादायक थी। लोग उसके काम को देखकर आदर्शों की खोज में रुचि लेते थे और उसे अपने जीवन का हिस्सा बनाने का संकल्प करते थे।

उसकी कला और उसका साहस लोगों को उत्साहित करते थे। वह दर्शकों को विचार करने और कार्रवाई करने के लिए प्रेरित करती थी, ताकि समाज में बदलाव लाए जा सके।

 

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