Chaitra Navratri Ka Havan:
Chaitra Navratri Ka Havan: चैत्र नवरात्रि का पावन पर्व 9 दिनों तक चलेगा. इसका शुभारंभ 9 अप्रैल से हो चुका है. नवरात्रि के 9 दिनों में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा करते हैं. इसमें जिस प्रकार से कन्या पूजा का महत्व है, उसी प्रकार से हवन का भी महत्व होता है. हवन करने से नवग्रह शांत होते हैं. हवन के माध्यम से देवी और देवताओं को हविष्य का अंश प्राप्त होता है.
मनोकामनाओं की पूर्ति
उस दौरान मंत्रोच्चार से वे खुश होते हैं और व्रती के मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं. नवरात्रि के हवन में नवग्रह, देवी और देवताओं के अलावा आदिशक्ति मां दुर्गा के मंत्रों का जाप करते हैं और आहुति देते हैं. नियमपूर्वक हवन, पूजा पाठ आदि करने से मातारानी प्रसन्न होती हैं. आइए जानते हैं कि चैत्र नवरात्रि का हवन किस दिन करें? हवन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें क्या हैं?
कब करें नवरात्रि हवन?
ज्योतिषाचार्य भट्ट के अनुसार, नवरात्रि में आप प्रत्येक दिन हवन कर सकते हैं, लेकिन मुख्य तौर पर दुर्गा अष्टमी या फिर महानवमी के दिन हवन किया जाता है. कुछ लोगों के यहां दुर्गा अष्टमी को तो कुछ लोगों के यहां महानवमी के दिन हवन होता है. आपके घर महाष्टमी और महानवमी में जिस दिन हवन होता है, उस दिन ही हवन करें. इस साल दुर्गा अष्टमी 16 अप्रैल और महानवमी 17 अप्रैल को है
चैत्र नवरात्रि का महत्व
चैत्र नवरात्रि भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो माता दुर्गा की पूजा के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार हिन्दू कैलेंडर के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष में मनाया जाता है, जिसमें नौ दिनों तक नवदुर्गा की पूजा की जाती है। इस अवसर पर भगवान शिव और देवी पार्वती के भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी के साथ माता दुर्गा की पूजा की जाती है।
महत्व
हवन एक प्राचीन धार्मिक प्रथा है जो शक्तियों को आकर्षित करने और विशेष मंत्रों के जाप के माध्यम से ऊर्जा को बढ़ाने का माध्यम है। चैत्र नवरात्रि में हवन करने से माता दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। यह हवन भक्तों को शुभकामनाएं देने और उनके जीवन को प्रकाशित करने का एक महान उपाय है।
हवन का शुभ दिन
चैत्र नवरात्रि में हवन करने का सबसे शुभ दिन नवरात्रि के पहले और नवमी दिन होता है। इन दिनों पर हवन करने से भक्तों को आनंद, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस दिन मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है और उनके आशीर्वाद से जीवन में समस्याओं का समाधान होता है।
हवन की विधि
हवन करने की विधि में नियमित रूप से अग्नि में अहुति देना और मंत्रों का जाप करना शामिल होता है। इस प्रक्रिया में पवित्र वस्त्रों में बैठकर प्रार्थना की जाती है और मां दुर्गा की कृपा के लिए अनुरोध किया जाता है।
समाप्ति
चैत्र नवरात्रि में हवन करना एक पवित्र और महत्वपूर्ण कार्य है जो भक्तों को मां दुर्गा के आशीर्वाद से प्रदान किया जाता है। इसके माध्यम से वे जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आनंद लेते हैं और मां दुर्गा के प्रसन्न होते हैं।
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